बेगूसराय। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आजादी से अंत्योदय तक अभियान को अमृत महोत्सव की दिशा में केंद्र सरकार का एक ठोस कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी नौ मंत्रालयों को जनभागीदारी के साथ मिलकर काम करना होगा।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि अभियान का लक्ष्य 17 चुनिंदा योजनाओं को सीधे लाभार्थियों को संतृप्ति मोड में सहायता के साथ शुरू करना है। प्रत्येक भाग लेने वाले मंत्रालयों एवं विभागों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे पिछली पंक्ति में बैठे हुए व्याक्ति तक पहुंचना है। इन 17 योजनाओं को गहन वास्तविक समय निगरानी के साथ संतृप्ति मोड में ले जाएंगे, अभियान पूरा होने के बाद इसे एक रिकॉर्ड के रूप में रखा जाएगा। विकास मानकों में पिछड़े 75 जिलों को एमपीसीई (मासिक प्रति व्यक्ति संकेतक) और समाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी)-2011 डेटा के माध्यम से शॉर्टलिस्ट किया गया है।
आजादी से अंत्योदय तक में 28 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 75 जिलों को नौ केंद्रीय मंत्रालय ग्रामीण विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग-दिव्यांगजन, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, पशुपालन और डेयरी विभाग और श्रम और रोजगार मंत्रालय का सम्मिलित प्रयास है। सभी नौ मंत्रालयों की लाभार्थी योजनाओं के साथ संतृप्त करने के मिशन के साथ 90 दिवसीय अभियान शुरू किया गया है।
आजादी से अंत्योदय तक अभियान का नेतृत्व संस्कृति मंत्रालय और सभी भाग लेने वाले मंत्रालयों एवं विभागों के सक्रिय समर्थन से ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। साल भर चलने वाले आजादी के अमृत महोत्सव की भावना का जश्न मनाते हुए चिन्हित किए गए जिलों को 99 वैसे स्वतंत्रता सेनानियों के जन्म स्थान के साथ जोड़ा गया है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के दौरान राष्ट्र के लिए अंतिम बलिदान दिया था। आज भी कई सेनानी हैं जिन्हें उनके जिले के लोग भी नहीं जानते, हमें अवसर मिला है कि उन्हें याद करें, उनको नमन करें और उनके गांव को विकसित करें।
इस अभियान के माध्यम से लोग अब स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के बारे में भी जानेंगे। काम अधिक है, समय कम है लेकिन मौका यही है, लक्ष्य की प्राप्ति ही उन अमर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजली होगी। अभियान में सभी ग्रामीण हितधारकों को शामिल करते हुए उत्सव मोड में लागू किया जाएगा, जिसमें पहचान किए गए स्वतंत्रता सेनानियों (एफएफ), पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई), महिला नेटवर्क, युवा समूहों और योजनाओं की उपलब्धियों को उजागर करने वाले छात्रों के परिवार शामिल हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगना, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल आदि के 75 जिलों को कवर करने वाला यह अभियान स्थानीय सांसद एवं विधायक सहित सभी लोक सेवकों के सक्रिय समर्थन के साथ अपने दृष्टिकोण में भी सहभागी होगा।