शहरों में पतंजलि के उत्पादों की बिक्री में कमी आई और ग्रामीण इलाकों में भी ग्रोथ में एक तिहाई की कमी देखी गई है। मल्टीनैशनल कंपनियां भी पतंजलि का सामना करने के लिए अपने आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट लॉन्च कर रही हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक शहरों में पतंजलि के उत्पादों की बिक्री कम हुई है और गांवों में ग्रोथ घटी है
असल में रामदेव की कंपनी पतंजलि के सामने टिकने के लिए अन्य कंपनियों ने अपने आयुर्वेदिक ब्रैंड लॉन्च कर दिए हैं
पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री पिछले वित्त वर्ष में शहरों में 2.7 फीसदी तक कम हो गई
भारत में प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री में कुल 3.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है
पतंजलि के उत्पादों की तोड़ निकालने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने रास्ता निकाल लिया है। शहरों में पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री में कमी आ रही है वहीं गांवों में भी इसकी ग्रोथ एक तिहाई तक कम हो गई है। हालांकि प्राकृतिक उत्पादों का बाजार अभी बढ़ रहा है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिसर्च करने वाली कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर रामाकृष्णन ने कहा, ‘नैचुरल सेग्मेंट में केवल कोर नैचुरल ब्रैंड ही नहीं हैं बल्कि प्राकृतिक अवयवों का इस्तेमाल करने वाले ब्रैंड भी शामिल हैं।’ उन्होंने कहा कि इससे एक बड़ा ब्रैंड बनाने में मदद मिल रही है जो कि जरूरी नहीं है प्राकृतिक उत्पाद ही बेचे। एक साल पहले पतंजलि की ग्रोथ शहरों में 21.1 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 45.2 फीसदी थी।
मल्टीनैशनल कंपनियों ने पतंजलि की चुनौती का सामना करने के लिए हर्बल ब्रैंड्स की शुरुआत की है क्योंकि लोगों को रुझान प्राकृतिक उत्पादों की ओर बढ़ा है। मार्केट लीडर HUL ने भी हेयरकेयर और स्किन केयर के आयुर्वेदिक ब्रैंड लॉन्च किए हैं। कोलकेट ने भी वेदशक्ति के नाम से नया टूथपेस्ट लॉन्च कर दिया है।