नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार 18000 गांव को सिर्फ 1000 दिन में रोशन कर दिखाया है। इसके साथ 3.5 करोड़ घरों में बिजली सौभाग्य योजना के तहत लगाई गई है। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में गुणवत्ता से समझौता नहीं किय़ा जा सकता, इसलिए इस क्षेत्र में नए शोध और नए विचार को तलाशने की आवश्यकता है। इस Government, illuminated, 18000 villages , Javadekarकाम को इलेक्रमा जैसी संस्थाएं बखूबी कर सकती है।
वे शनिवार ग्रेटर नोएडा में इंडियन इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन की तरफ से आयोजित इलेक्रमा एक्सपो में बोल रहे थे।
इस मौके पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इलेक्रमा जैसी संस्थाएं शोध और नए खोज के लिए एक फंड तैयार कर उस पर गंभीरता से काम सकती है। इसमें बिजली से जुड़े विशेषज्ञ और शोधकर्ता मदद कर सकते हैं। तभी बिजली के क्षेत्र में नयापन आ सकेगा। मेक इन इंडिया पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का मतबल सिर्फ भारत में चीजों का विनिर्माण करना ही नहीं है बल्कि इसका सही अर्थ है कि आएं, नया बनाए, निवेश करें और उसे शान से बेचें। उन्होंने कहा कि अब समय नए आईडिया व शोध पर काम करने का है और यह हर क्षेत्र की जरूरत भी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज कार की बैटरी चार्ज करने में चार -पांच घंटे लग जाते हैं ऐसे में अगर इस अवधि को घटा कर चार-पांच मिनट पर ले आएं तो यह खोज खूब कामयाब और खूब बिकने वाला बन जाएगा। इस तरह नए शोध पर काम करने की जरूरत है क्योंकि इंडस्ट्री अभी इस काम में पिछड़ रही है।