रांची : सिंगल यूज प्लास्टिक के अलावा प्लास्टिक से बने उत्पादों का दैनिक उपयोग व्यापक है जो दर्शाता है किइसका बाजार बड़ा है और इसलिए इस क्षेत्र में नौकरियों की मांग बहुत उत्साहजनक है।गुरूवार को यह बातें एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (कोयला खनन) पार्थ मजूमदार ने कहीं। वे सिपेट के रांची में आयोजित कौशल विकास कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। एनटीपीसी कोयला खनन मुख्यालय ने परियोजना प्रभावित युवाओं को सीआईपीईटी, रांची में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए प्रायोजित किया है।उन्होंने कहा कि कंपनी के दर्शन के मूल में सीएसआर है। एनटीपीसी बिजली उत्पादन के जरिये लाखों भारतीयों के जीवन को रोशन करने के व्यवसाय का एक अभिन्न अंग रहा है।इसी भावना को देखते हुए स्थानीय समुदाय के विकास के लिए कौशल विकास आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनटीपीसी कोयला खनन ने केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान के सहयोग से कौशल विकास के लिए झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में स्थित सभी कोयला खनन परियोजनाओं और इसके आसपास की 4 लड़कियों सहित 80 परियोजना प्रभावित युवाओं को प्रायोजित करने की पहल की है। कार्यक्रम में सिपेट के संयुक्त निदेशक और प्रमुख प्रवीण बछव, शिवम श्रीवास्तव, परियोजना प्रमुख (पकरी बरवाडीह), एसके रे, परियोजना प्रमुख (तालियापल्ली), फैज तैयब, परियोजना प्रमुख (केरेन्दरी), बीएम सिंह, परियोजना प्रमुख (चट्टीबरियातू), केएस मूर्ति, जीएम (एचआर), अमित कुमार दुबे, जीएम (सुरक्षा और खनन) और टीके कोनार, जीएम (तकनीकी सेवाएं) इस अवसर पर उपस्थित थे ।
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