दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बड़ी राहत दी है। केजरीवाल सरकार ने सोमवार से दिल्ली से जुड़ी सभी सीमाओं को फिर से खोलने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से जुड़ी सीमाएं लोगों की आवाजाही के लिए खोली जाएंगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जून के आखिर तक दिल्ली में 15 हजार बेड की जरूरत हो सकती है। वहीं, दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का ही इलाज हो सकेगा, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में देशभर के लोग एडमिट किए जा सकेंगे। वहीं, राजधानी के सभी रेस्तरां, मॉल और धार्मिक स्थान सोमवार से खोले जा सकेंगे। हालांकि, सरकार ने होटल और बैंक्वेट हॉल को खोलने की इजाजत नहीं दी है।
केजरीवाल ने कहा, ‘हमने दिल्ली के लोगों से पूछा था कि क्या दिल्ली के अस्पताल सभी राज्य के लिए खुलने चाहिए? 90 फीसदी लोगो का कहना है कि जब तक कोरोना है तब तक दिल्ली के अस्पताल दिल्ली के लोगों के लिए ही आरक्षित होने चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘एहतियाती रूप से बुजुर्ग लोगों को अपने परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के साथ कम से कम बातचीत करनी चाहिए। बुजुर्ग और बच्चे कोशिश करें कि वे अपने घर के एक कमरे में ही रहें।’
वहीं, दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी ने अनुमान जताया है कि जून अंत तक दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर कम से कम एक लाख तक पहुंच सकती है। इस अनुमान के आधार पर, कमेटी ने सरकार से राजधानी में मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 15,000 बेड की व्यवस्था करने को कहा था। कमेटी के अध्यक्ष डॉ. महेश वर्मा ने बताया कि हमने अहमदाबाद, मुंबई और चेन्नई जैसे अन्य शहरों के रुझानों को स्टडी किया है। हमारी गणना के अनुसार, जून के अंत तक राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख को पार कर सकता है।
राजधानी में कितने कोरोना के मरीज
राजधानी दिल्ली भी कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावितों में से एक है। शनिवार को दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 1,320 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यहां कोरोना मरीजों की कुल संख्या 27,654 हो गई है। आज तक, राजधानी में वायरस के कारण मरने वालों की संख्या 761 है।