हैदराबाद। ‘‘मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। मुझे वेंटिलेटर से हटा दिया गया। ऑक्सीजन भी निकाल दी। विनती करने के बाद भी 3 घंटे से मुझे ऑक्सीजन नहीं दी गई है। मैं अब सांस नहीं ले पा रहा हूं डैडी। लग रहा है कि मेरी धड़कन रुक गई है। बाय डैडी। सबको बाय, डैडी।’’ ये उस कोरोना संक्रमित बेटे का आखिरी वीडियो संदेश है, जिसे बुधवार को हैदराबाद के एक सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, लेकिन कथित रूप से अस्पताल की लापरवाही ने उसकी जान ले ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरल हुआ वीडियो मौत से करीब एक घंटे पहले रिकॉर्ड किया गया। अब लोग सरकारी अस्पतालों में बदइंतजामी को लेकर गुस्सा जता रहे हैं। मृतक रवि की उम्र 34 साल थी। उनके पिता वेंकेटेश ने बताया उन्होंने बेटे को 24 जून को सरकारी चेस्ट हॉस्पिटल में भर्ती किया था। 26 जून को रवि की मौत हो गई।
बिना कोरोना जांच प्राइवेट अस्पतालों ने भर्ती नहीं किया
वेंकटेश ने बताया कि उनके बेटे को पहले 10-12 प्राइवेट हॉस्पिटलों ने भर्ती करने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि पहले कोरोना का टेस्ट कराएं, नेगेटिव रिपोर्ट आने पर ही उसे भर्ती किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे बेटे के साथ जो हुआ, किसी और के साथ नहीं होना चाहिए।’’
मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई
वेंकटेश ने बताया कि उन्होंने मौत वाले दिन ही बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया। अगले दिन उस प्राइवेट हॉस्पिटल से फोन आया जहां उन्होंने बेटे के स्वाब का सैम्पल दिया था। वहां से बताया गया कि उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मृतक के संपर्क में उसके माता-पिता, भाई-भाभी, पत्नी और साला भी संपर्क में आया था। ऐसे में इस परिवार की चिंता और बढ़ गई है।
अस्पताल ने कहा- रवि की हालत बहुत खराब थी
चेस्ट हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट महबूब खान का कहना है कि रवि को कोरोना फेफड़े के साथ-साथ हार्ट में बहुत असर कर गया था। मरीज का ऑक्सीजन या वेंटिलेटर नहीं निकाला गया था। उन्होंने कहा कि उसे जितनी भी ऑक्सीजन दो उसकी सांस की दिक्कत कम नहीं हो रही थी।
बच्चों को नहीं पता कि पिता की मौत हो गई
वेंकटेश ने बताया कि रवि के 12 साल की बेटी और 9 साल के बेटे को अभी तक नहीं बताया गया है कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं।