गिरिडीह। मधुबन थाना अंतर्गत अतकी पंचायत के धावाटांड़ हुंडरो निवासी बद्री महतो का पुत्र रामेश्वर महतो (32) लाइरिको ट्रांसमिशन कंपनी में काम करने 16 अगस्त 2018 को मलेशिया गया था, जहां 06 अप्रैल को उसकी मौत गई। मौत के तीन माह बीत गए, लेकिन अब तक उसका शव नहीं लाया जा सका है। परिजन पथराई आंखों से शव के आने का इंतजार कर रहे हैं। रामेश्वर महतो का शव आज भी मलेशिया के अस्पताल की मोर्चरी में बर्फ पर सुरक्षित रखा गया है।
मृतक रामेश्वर की पत्नी पूनम देवी अपने पति का शव नहीं आने से काफी परेशान हैं। परिवार के पालन-पोषण का भी संकट खड़ा हो गया है। रामेश्वर अपने परिवार में एकमात्र कमाऊ व्यक्ति था। उसकी बेटी रीतिका कुमारी(09) व रवि कुमार(07) का लालन-पालन व पढ़ाई-लिखाई को लेकर वह चितित है। कंपनी द्वारा सार्थक जवाब नहीं मिलने पर परिवार के सदस्य परेशान हैं। पीड़ित परिवार क्षेत्र के दो सबसे बड़े जनप्रतिनिधियों सांसद व विधायक से गुहार कर चुके हैं, लेकिन अंतिम दर्शन की आस अब तक अधूरी ही रही है। प्रवासी मजदूरों के हितार्थ कार्य करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने संवेदना प्रकट करते हुए सरकार व कंपनी से उचित मुआवजा देने के साथ-साथ जल्द ही शव को वतन लाने की मांग की है।
कार्यकर्ता सिकन्दर अली का कहना हैं कि रामेश्वर महतो की मौत लगभग तीन महीने बीतने को हैं।जबकि उनकी मौत से आज पूरा परिवार सदमें में हैं और परिवार वाले काफी चिंतित हैं। फिलहाल एक बूढे माता-पिता जिसका बेटा पहली उसकी नजरों से दूर हुआ और अब उसकी जिंदगी से दूर हो गया और आखिरी बार उसका चेहरा भी देखने को नहीं को मिल रहा हैं।
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