नई दिल्ली। ‘सेवा ही संगठन’कार्यक्रम में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा- साथियों हमारे लिए हमारा संगठन चुनाव जीतने की मशीन नहीं है, हमारे लिए संगठन का मतलब है सेवा। मैं आग्रह करता हूं कि हम हर मंडल की एक डिजिटल बुकलेट इस पूरे काम को समेटते हुए बनाएं। इसके बाद पूरे जिले और फिर राज्य और फिर देश की एक डिजिटल बुक बने।
पीएम मोदी ने कहा कि यह ऐसी चीज है जो भविष्य में प्रेरणा देने वाली है। 25 सितंबर को पं दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती है। हम तय करें कि तब तक हम ये डिजिटल बुक बनाएं। इसे हम लॉन्च करेंगे। यह मानव इतिहास की बहुत बड़ी घटना है। इसलिए यह जरूरी है। इसका तीन भाषाओं में अनुवाद हो। हिंदी, अंग्रेजी और मातृभाषा में।’
मोदी ने कहा कि जिन्होंने भी इस दौर में सेवा की सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। मुझे अभी सात राज्यों का वृत्त सुनने का अवसर मिला। अन्य राज्यों से अनुरोध करूंगा कि वे अगर अपना वृत्त लिखकर भेजें, मैं उसे देखूंगा। ‘एक ऐसे समय में जब दुनिया में सब अपने आप को बचाने में लगे हों, आपने अपनी चिंता छोड़कर खुद को गरीबों-जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दिया। यह सेवा का बहुत बड़ा उदाहरण है।
पीएम ने कहा कि कई शहरों में हमारे साथी खतरे को जानते हुए भी कार्य करते रहे। ऐसे कई साथियों ने शरीर छोड़ दिया। उनका दुखद निधन हो गया। ऐसे साथियों को विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं। उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। उन राज्यों की इकाइयों से अनुरोध करता हूं कि इन परिवारों को संभालें।’
उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है कि जिसकी हम सेवा करते हैं उसका सुख ही हमारा संतोष है। इसी भावना से गरीबों के प्रति इसी भाव से हमारे कार्यकर्ताओं ने सेवा ही संगठन का इतना बड़ा अभियान चलाया। आज मैंने जब प्रेजेंटेशन देखा तो मुझे बड़ा अचरज हुआ। मुझे पता था कि आप कार्य कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के बीच अभाव और खतरे के बीच लाखों लोगों का सहारा बने। उनके साथी बने, यह बहुत बड़ा काम है।
मोदी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए राष्ट्र की सेवा करना सबसे पहला धर्म है। इस चुनौतीपूर्ण समय में, हमारे कार्यकर्ता भारत भर में अथक प्रयास करके जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान भाजपा की प्रदेश इकाइयों ने प्रधानमंत्री के सामने अपनी-अपनी रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान उनकी ओर से कौन से कल्याणकारी काम किए।