प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता, मंत्री, सांसद व विधायक समेत तमाम दिग्गज नेता प्रदर्शन में शामिल
रांची। संसद में पारित कृषि बिल के खिलाफ सोमवार को कांग्रेस की ओर से रांची में पूरी शक्ति के साथ प्रदर्शन किया गया। राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से राजभवन मार्च में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री रामेश्वर उरांव, कांग्रेस विधायक दल के नेता सह मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री बन्ना गुप्ता, सांसद धीरज प्रसाद साहू, गीता कोड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय समेत पार्टी के कई विधायकों और प्रदेश पदाधिकारी और आम कार्यकर्त्ता मौजूद थे। बाद में पार्टी नेताओं के एक शिष्टमंडल ने राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।
बापू वाटिका से राजभवन मार्च के लिए निकले प्रभारी आरपीएन सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिस जमींदारी प्रथा को कांग्रेस ने 70 साल पहले खत्म किया, उसी जमींदारी प्रथा को भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार वापस थोपने जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के 62 करोड़ किसानों के साथ खड़ी है और जब तक इस काले कानून को वापस नहीं ले लिया जाता है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ0 रामेश्वर उरांव ने कहा कि एक साजिश के तहत देश की मंडियों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है, इस काले कानून से कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर खत्म हो जाएंगे, कांट्रेक्ट फॉर्मिंग की पद्धति से किसानों के अलावा उपभोक्ताओं को भी नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि यह सर्वविदित थ्योरी है कि पूंजीपति कम कीमत पर किसी वस्तु को खरीदते है और उपभोक्ता से अधिक कीमत वसूलते है,इससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों तबाह हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी आजादी के पहले से ही किसानों के हितों की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध रही है, 1917 में चंपारण में गांधीजी ने किसानों के हितों की रक्षा को लेकर ही सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ यह चाहती है कि नये कृषि बिल में एमआरपी का प्रावधान कर दिया जाए, इस संबंध में सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बार-बार वक्तव्य देने से काम नहीं चलेगा। नरेंद्र मोदी ने पहले भी सभी को 15 लाख देने की बात की थी, किसी को मिलेगा क्या। उन्होंने यह भी कहा था कि जीएसटी से सभी राज्यों को फायदा होगा, लेकिन घाटा हो रहा है। इसी तरह पहले नोटबंदी के समय काले धन वापसी की बात कही गयी, लेकिन बिना सोचे-समझे इसे लागू करने से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी।
प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि कृषि बिल को जिस तरह से संसद में पारित कराया गया है, उसमें संसदीय परंपरा की पूरी तरह से अनदेखी की गयी और यह संघीय ढांचे की मूल भावना के भी विपरीत है। उन्होंने कहा कि नये कानून में ग्रेड-1 के अनाज की कीमत पूंजीपति ग्रेड-3 की देंगे, तब भी किसानों को न्याय नहीं मिल पाएगा, गरीब किसान किसका दरवाजा खटखटाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि एक ओर देश की सीमा सुरक्षित नहीं है, वहीं किसानों को मिलने वाले एक लाख करोड़ रुपये के हक को भी मोदी सरकार खत्म करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कहां मिलेगा, जनता यह जानना चाहती है कि किस मजबूरी के तहत इस काले कानून को लाया गया है।
कृषि मंत्री बादल ने कहा कि कृषि संबंधित तीन काले कानून के खिलाफ पूरे देश की जनता और किसान एकजुट है और कांग्रेस पार्टी उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मदद करें या ना करें, झारखंड में कांग्रेस गठबंधन सरकार 2000 करोड़ रुपये की मदद से किसानों की कर्जमाफी के वायदे को पूरा करेगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के तुरंत बाद भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में पूंजीपतियों के हित में संशोधन की कोशिश की गयी, उसका चौतरफा विरोध हुआ और अब कृषि बिल से साबित हो गया है कि यह पूरी तरह से यह प्रमाणित हो गया है कि यह सरकार पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है।
बापू वाटिका से राजभवन मार्च के बाद पार्टी नेताओं के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की भी उपस्थित थे।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने बताया कि आज सुबह पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका पहुंचे और वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद राजभवन मार्च की शुरुआत हुई। राजभवन मार्च में प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल, राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू, सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक अम्बा प्रसाद, ममता देवी, पूर्णिमा नीरज सिंह,विक्सन कोंगाड़ी, भूषण बाड़ा, उमाशंकर अकेला, राजेश कच्छप, इरफान अंसारी, बंधु तिर्की , प्रदीप यादव, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोरनाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू, अमूल्य नीरज खलखो समेत अन्य नेता उपस्थित थे।