रांची। कोरोना संक्रमण की वजह से करीब आठ महीने से स्कूल बंद हैं. अभिभावकों के साथ बच्चों को भी स्कूलों के फिर से खुलने का इंतजार है. स्कूलों को खोलने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों गाइडलाइन जारी कर दी. मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे अपने प्रदेश की स्थिति को देखते स्कूल खोलने का फैसला लें. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी वह स्कूल-कॉलेज खोलने के मूड में नहीं है.
केंद्र सरकार ने कहा कि स्कूलों को क्रमबद्ध तरीके से ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि बच्चे सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए स्कूल में क्लास कर सकें. भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि स्कूल आने वाले बच्चों का तीन सप्ताह तक कोई मूल्यांकन नहीं होगा. विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी भावनात्मक सुरक्षा पर भी ध्यान देने की सलाह शिक्षा मंत्रालय ने दी. कहा कि स्कूल परिसर में स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाये. सैनिटाइजेशन भी नियमित अंतराल पर करने की व्यवस्था करें.
इतना ही नहीं, स्कूलों को इमरजेंसी केयर टीम बनाने की भी सलाह दी गयी. कहा गया कि किसी भी राज्य में माता-पिता की लिखित सहमति के बाद ही बच्चों को स्कूल में क्लास करने के लिए बुलाया जायेगा. छात्रों को अपनी इच्छा के अनुसार स्कूल जाने या ऑनलाइन क्लास अटेंड करने की आजादी देने की बात भी शिक्षा मंत्रालय ने कही. साथ ही कहा कि राज्य चाहें, तो अपने यहां की कोरोना के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अलग से मानक तैयार कर सकते हैं.