कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहे भारतीय कोविड-19 से नहीं बल्कि ‘सिस्टम’ से हार गए हैं! वे खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की कगार तक पहुंच चुकी है। देश भर में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए हाहाकार मचा हुआ है। दवाईयों की कालाबाजारी हो रही है। लोग ठेले और रिक्शे पर परिजनों को अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं, बेड्स न मिलने पर बाहर ही दम तोड़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन हलातों की भयावह तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसी ही एक तस्वीर आगरा से सामने आई है जहां एक महिला, पति को बचाने के लिए उसे मुंह से सांसे देती नजर आई।
यह तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई।। उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘छूने से भी फैल जाने वाली इस बीमारी के दौर में, सांसों से सांस देने की हिम्मत करना मूर्खता तो है मगर मोहब्बत है, बेबसी है, तड़प है; अपनों को बचाने की आखिरी कोशिश है। ऐसे हालात में खुद के जान की परवाह कहां होती है।’ बहुत से लोग इसे शेयर करते हुए अपनी नाराजगी और दुख बयां कर रहे हैं।
महिला अपने बीमार पति को ऑटो में लेकर आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी तो पत्नी अपने मुंह से पति को ऑक्सीजन देने का प्रयास करने लगी। लेकिन लाख जतन के बाद भी वह पति की जान नहीं बचा पाई।
रिपोर्ट के मुताबिक, ’47 वर्षीय रवि सिंघल की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। ऐसे में पत्नी रेनू सिंघल पति को श्रीराम हॉस्पिटल, साकेत हॉस्पिटल और केजी नर्सिंग होम पहुंचीं। लेकिन कहीं खाली बेड नहीं मिला। इसके बाद रेनू बीमार पति को ऑटो में लेकर एसएन मेडिकल कॉलेज गई। वह रास्ते में बार-बार पति को मुंह से सांस देने का प्रयास करती रहीं। हालांकि, डॉक्टरों ने देखने के बाद उनके पति को मृत घोषित कर दिया।