रांची। झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के मुर्दाघर से एक कोरोना संक्रमित का शव अबतक परिजनों को नहीं मिल पाया है। नौ दिन बीत जाने के बाद भी रिम्स प्रबंधन इस संबंध में कोई जवाब नहीं दे रहा है। हालांकि परिजनों ने इस संबंध में थाने में कोई भी शिकायत नहीं की है। क्योंकि मृतक के सभी परिजन कोरोना पॉजिटिव है। मृतक के दामाद सुधीर कुमार ने बुधवार को बताया कि काफी खोजबीन के बाद भी शव का पता नहीं चला।
सुधीर ने बताया कि उनके पिता भी कोरोना पॉजिटिव है। इसके अलावा उनके ससुराल में सास, सास का बेटा, उसकी पत्नी और सास के पोता -पोती भी कोरोना संक्रमित हैं। सभी अपने घर पर ही आइसोलेट हैं। काफी परेशानी बढ़ गई है ।इस वजह से खोजबीन करने के बाद उन्होंने मामले में कोई भी कंप्लेन नहीं किया है। रिम्स प्रबंधन से संपर्क करने पर उन्होंने इस संबंध में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। वहीं बरियातू थाना प्रभारी सपन कुमार महथा ने बताया कि शव गायब होने के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई सूचना थाने को नहीं दी गई है।
उल्लेखनीय है कि मोरहाबादी के रहने वाले साधु शरण ठाकुर को बीते 15 अप्रैल को रिम्स में भर्ती कराया गया था। वे कोरोना संक्रमित थे। रिम्स के डॉ सीबी शर्मा के यूनिट में भर्ती कराया गया था। भर्ती करने के महज दो घंटे के बाद ही उनकी मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजनों ने शव दो दिनों के बाद लेने की बात कही थी। अब शव नहीं मिल पा है। परिजनों ने शव ढूंढ कर देने की मांग की थी। लेकिन अबतक शव नहीं मिल पाया है। शव गायब होने का मामला 19 अप्रैल को सामने आया था। रिम्स प्रबंधन और प्रशासन से शव की जानकारी मांगने पर भी शव का कोई अता पता नहीं चल पा रहा है। इस दौरान शमशन घाट पर शवों की लंबी कतार को देखते हुए परिजनों ने मृतक के शव को दो दिन बाद लेने की बात कही थी।
अब साधु शरण की शव नहीं मिल पा रहा है। कागजातों को देखकर ऐसा पता चला रहा है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने शव किसी दूसरे व्यक्ति को सुपूर्द कर दिया है। रिम्स के रजिस्टर में मृतक के नाम की इंट्री की गयी है। उसके ठीक बगल में लिखा गया है कि मैंने अपने मरीज का शव पाया लेकिन वहां ना तो हस्ताक्षर है और ना ही शव प्राप्त करने का समय लिखा हुआ है।