रांची। चतरा जिले के मगध और आम्रपाली कोल परियोजना में तृतीय प्रस्तुति कमेटी( टीपीसी) उग्रवादी संगठनों के द्वारा समितियों के नाम पर की जाने वाली वसूली को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने टीपीसी से जुड़े विनोद कुमार गंझू, प्रदीप राम और उनके परिजनों के हजारीबाग स्थित 2.89 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। वही जब्त संपत्ति में आरोपियों के घरों से 1.49 करोड़ रुपये नकद, 89 लाख रुपये मूल्य के पांच वाहन और आठ बैंक खातों में कुल 35.18 लाख रुपये की बैंक एफडी शामिल है। ईडी के द्वारा की गई जब्ती में इन उग्रवादियों के परिवार के सदस्यों के नाम पर चल अचल संपत्ति शामिल हैं। ईडी सूत्रों के अनुसार धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत ईडी ने संपत्तियों को अस्थायी तौर पर कुर्क करने का आदेश दिया था। ईडी द्वारा धन शोधन जांच का मामला प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन टीपीसी द्वारा राज्य में चतरा जिले के मगध-आम्रपाली कोयला क्षेत्र में ठेकेदारों और कोयला व्यापारियों से आपराधिक वसूली और भयादोहन का है।
टीपीसी के कई सदस्य भाकपा माओवादी के पूर्व सदस्य हैं। ईडी ने झारखंड पुलिस द्वारा बिनोद कुमार गंझू, प्रदीप राम, मुनेश गंझू, बीरबल गंझू और बिंदू गंझू के खिलाफ आईपीसी की धारा 414, 384, 386, 387 और 120 बी के तहत दर्ज एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की। बिनोद, प्रदीप अन्य उग्रवादियों के साथ मगध आर्गेनाइजिंग कमेटी और आम्रपाली शांति समिति की आड़ में आरोपियों ने ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों और कोयला व्यापारियों से लेवी वसूली किया जाता था।