मेदिनीनगर। ज़िले में व्हाइट फंगस का पहला मरीज पाए जाने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। शहर के आंख के चिकित्सक डॉ राकेश कुमार के पास चैनपुर प्रखंड के एक 72 वर्षीय मरीज आया था, जिसे तेज़ बुखार व आंखें फूली हुई थीं। उसका जांच कर फंगस की शंका व्यक्त करते हुए चिकित्सक ने रिम्स में रेफर कर दिया।
इस संबंध में डॉ राकेश कुमार ने बताया कि चार दिन पूर्व चैनपुर का एक मरीज तेज़ अपनी आंखों की परेशानी को लेकर आया था। उन्होंने तत्काल सिटी स्कैन व ब्लड सुगर की जांच कराई। जांच रिपोर्ट देखने पर उन्हें व्हाइट फंगस होने का संदेह व्यक्त किया। इसकी सूचना सिविल सर्जन को दी।
उन्होंने कहा कि मरीज का कोरोना जांच नहीं हुआ था। रिम्स में कोरोना जान की गई है। रिपोर्ट आनी बाकी है। रिम्स से भी जो जानकारी मिली है उसके अनुसार व्हाइट फंगस ही डेडक्ट किया गया है। डॉ राकेश ने बताया कि फंगस के मरीज को भूख नहीं लगने की शिकायत रहती है और इनके साथ बुखार भी रहता है।
डॉ राकेश ने कहा कि संभवतः यह ज़िले का पहला व्हाइट फंगस का मामला प्रकाश में आया है। उन्होंने कहा को इस रोग की संभावना उसी मरीज में होती होती है, जिसका इम्यून पवार काम होता है, जो मधुमेह के रोगी होते हैं।
उन्होंने बताया कि व्हाईट फंगस व ब्लैक फंगस के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। इलाज के बारे में बताया कि इस पर तय होता है कि इसके मरीज किस स्टेज में चिकित्सक के पास पहुंचते हैं। शुरुवाती स्टेज में इलाज आसान होता है।