कटकमसांडी (हजारीबाग)। धान की अच्छी उपज को लेकर कटकमसांडी प्रखंड के बहिमर में आत्मा हजारीबाग द्वारा किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। पाठशाला की शुरुआत धानरोपन के साथ किया गया। इस मौके पर आत्मा हजारीबाग के बीटीएम धर्मेंद्र कुमार ने किसानों बताया कि खेती पर बढ़ते जनसंख्या के बोझ के कारण अब किसानों को धान की परंपरागत खेती के तरीके में बदलाव लाने की जरूरत है। ताकि नई तकनीक से न केवल किसान पर बोझ कम होगा, बल्कि उत्पादन भी बढ़ेगा। बताया का श्रीविधि से धान की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
पाठशाला में किसानों को समृद्ध बनाने के लिए उन्नत खेती के गुर सिखाई गई। उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए जिला कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) द्वारा जगह जगह कृषक पाठशाला आयोजित कर किसानों को धान की खेती का पाठ पढ़ाया जाएगा और उन्हें श्री विधि से धान की खेती की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इस दौरान प्रखंड कृषि पादधिकारी अनिराम महतो, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार व सहायक तकनीकी प्रबंधक सुशील कुमार की मौजूदगी में किसानों द्वारा बहिमर में धान की लाइन से रोपनी की गई। बीटीएम धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि कम लागत में अधिक उत्पादन के लिए श्रीविधि तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
कृषक पाठशाला में बताया गया कि धान का बिचड़ा, जो 10 से 12 दिन का होता है। उसमें दो पत्ते आ चुके होते हैं। किसानों द्वारा उसी पौधे की रोपाई की जाती है। इस विधि से दो पौधों के बीच 25 सेंटीमीटर की दूरी होती है और एक बार में एक पौधे को लगाया जाता है। श्रीविधि में एक एकड़ खेत में धान रोपने के लिए सिर्फ दो किलो बीज की आवश्यकता होती है। पाठशाला में प्रदीप सिंह, देव आशीष दीप, अमित सिंह, भोला राम, शकुन्तला देवी, चमारी यादव, विकास सिंह, कपिल देव सिंह, गायत्री देवी, रीना देवी, शांति देवी, सरोज देवी, मुनिका देवी, सुधा देवी, चमेली देवी सहित दर्जनों किसान भाई मौजूद थे।