जामताड़ा। करीब छह महीने बीत जाने के बाद भी पारा शिक्षक सिकंदर मियां हत्याकांड का खुलासा करने में स्थानीय पुलिस विफल रही है । इस हत्याकांड की गुत्थी अब तक अनसुलझी है।
पारा शिक्षक के स्वजन न्याय की आस लगाए हुए हैं। स्वजनों ने बताया की राज्य में किसी बड़े व्यक्तित्व की हत्या हो जाती है तो 50 से 60 पुलिस की टीम उसे सुलझाने में लग जाती है। घंटों में ही कई लोगों की गिरफ्तारी हो जाती है, लेकिन यदि कोई सामान्य व्यक्ति की हत्या होती है तो पुलिस इसमें दिलचस्पी नहीं लेती। देश के संविधान ने सभी नागरिकों को एक समान हक दिया है। जीवन सभी के लिए अनमोल हैं। सभी को एक जैसा न्याय मिलना चाहिए।
हत्या के शिकार हुए सिकंदर की पत्नी गुलबानो बीबी ने आगे बताया कि उनके परिवार में एकमात्र कमाऊ व्यक्ति पति ही थे और उनकी हत्या कर दी गई। हम इन दिनों बेसहारा हैं। पति को तो पुलिस वापस नहीं कर सकती है, लेकिन उनकी हत्या में शामिल लोगों तक पुलिस तो पहुंच ही सकती थी। अब तक पुलिस ने हत्याकांड के अनुसंधान के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा करने का काम किया है। स्वजनों ने राज्य सरकार से इंसाफ की मांग की है।
गौरतलब हो कि नारायणपुर थाना क्षेत्र के धोबना गांव निवासी पारा शिक्षक सिकंदर मियां की हत्या सात फरवरी 21 को कर दी गई थी। उनके सिर पर जख्म पाया गया था। इस घटना में कौन लोग शामिल थे, इसे भी पता करने में पुलिस नाकाम रही है।
थाना प्रभारी अभय कुमार ने बताया कि हत्याकांड का अनुसंधान कार्य जारी है। डीआइजी सुदर्शन मंडल ने बताया कि इस मामले के लिए फोन पर पूछने की आवश्यकता नहीं है। इसका पूरा डिटेल्स पीड़ित परिवार ही दे सकता है।