मामला लखनऊ के मड़ियाव थाने का है. पिछले महीने एक महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ दिनों से उनकी आठवीं में पढ़ने वाली बेटी को फोन पर धमकियां मिल रही हैं. फोन करने वाला लड़की से अश्लील बातें करता है और मिलने की डिमांड कर रहा है. पुलिस ने महिला की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच शुरू कर दी. इसी दौरान पुलिस के सामने चौंकाने वाला सच आया.
पुलिस को छानबीन में पता चला कि छात्रा को धमकी भरे कॉल कोई और नहीं बल्कि उसके साथ स्कूल में पढ़ने वाला 8वीं का ही एक छात्र और उसका बड़ा भाई करता था. पुलिस ने धमकी भरे फोन कॉल के नंबर की डिटेल खंगाली तो सभी नंबर विदेश के मिले यानी इंटरनेट कॉलिंग के जरिए लड़की को धमकाया जा रहा था. लेकिन इसी दौरान लड़की को एक बार एक बेसिक नंबर से भी धमकी की कॉल आई थी.
पुलिस ने इंटरनेट कॉलिंग की डिटेल और बेसिक नंबर की कॉल डिटेल खंगाली तो पता चला कॉल मड़ियांव इलाके के ही पलटन छावनी इलाके से आई थी. पुलिस बेसिक फोन नंबर के सहारे दोनों आरोपी सगे भाइयों के घर जा पहुंची. पूछताछ की गई तो पता चला जिस नंबर से लड़की को व्हाट्सएप पर मैसेज आ रहे थे, वो नंबर लड़की के साथ पढ़ने वाले लड़के के बड़े भाई का है. कोरोना काल के दौरान स्कूल में हो रही ऑनलाइन पढ़ाई में स्कूल टीचर ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, जिसमें कुछ छात्रों को एडमिन बनाया गया था.
उसी ग्रुप में कुछ अनजाने नंबर भी जुड़ गए. जिसकी ना तो टीचर को जानकारी थी और ना ही स्कूल मैनेजमेंट को. जांच में साफ हो गया कि कॉल लड़की के साथ पढ़ने वाले छात्र ने अपने बड़े भाई की मदद से की थी. आरोपियों के मोबाइल में टेक्स्ट नाउ ऐप भी मिला. जिसकी मदद से लोकल कॉल को इंटरनेशनल कॉल में बदल दिया जाता था.
फिलहाल, मड़ियांव पुलिस ने जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर दोनों आरोपी भाइयों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. डीसीपी (साउथ) देवेश पांडे का कहना है कि दोनों आरोपी नाबालिग हैं. लिहाजा अब इन दोनों आरोपियों पर कोर्ट के निर्देश पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.