नई दिल्ली। तालाब में डूबने के कारण एक किसान भारमल बंजारा की मौत हो गई लेकिन मौत के बाद अंधविश्वास का जो खेल देखा गया वो बेहद हैरान कर देने वाला था. मृतक को पुनर्जीवित करने के लिए शव को पेड़ से उलटा लटकाकर उसे झुलाया गया. इस बीच ग्रामीणों ने जयकारे भी लगाए. यह वाकया मध्य प्रदेश के गुना जिले का है.
सानई पुलिस चौकी क्षेत्र के जोगीपुरा गांव स्थित तालाब में 45 वर्षीय किसान भारमल बंजारा की डूबने से मौत हो गई. बताया जा रहा है कि भारमल और उसके बेटे भंवरलाल के बीच विवाद हो गया था जिसके बाद पिता-पुत्र ने तालाब में छलांग लगा दी. पुत्र तैरना जानता था इसलिए किनारे पर पहुंच गया लेकिन पिता भारमल बंजारा नहीं बच पाया और डूब गया. जोगीपुरा तालाब में बारिश का पानी भरा हुआ था जिसमें डूबकर भारमल की मौत हो गई.
हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच पिता ने तीन बार तालाब में छलांग लगाई. दो बार तो भारमल बच गया लेकिन तीसरी बार में तालाब में डूब गया. शव को ढूंढने के लिए तालाब की बाउंड्री को जेसीबी मशीन से तोड़ा गया जिसके बाद जलस्तर कम हुआ तब जाकर शव पानी से बाहर निकाला जा सका.
दोबारा जीवित करने का प्रयास
भारमल बंजारा को दोबारा जीवित करने के लिए शव को पेड़ पर पैरों से उलटा लटका दिया गया. शव को लटकाने के बाद उसे झूले की तरह झुलाया गया.
परिजनों और ग्रामीणों का मानना था कि डूबने के कारण शरीर में जो पानी भरा हुआ है वो बाहर निकल आएगा और भारमल दोबारा जीवित हो जाएगा. अंधविश्वास के चलते लोगों ने घेरा बनाकर शव को बीच में पेड़ पर लटका दिया और चारों तरफ से जयकारे लगाने लगे. इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को समझाइश भी दी लेकिन परिजनों ने भारमल को दोबारा ज़िंदा करने के काफी जतन किए.
इस बारे में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं दिया जाए. मामले में पुलिस की विवेचना शुरू कर दी गई है.