रांची। झारखंड पुलिस के सिपाही- हवलदारों की संस्था झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला बुधवार को प्रकाश में आया है। झारखंड पुलिस के वरीय अधिकारियों से पास मेंस एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष मनीष कुमार के नाम पर वरीय अधिकारियों को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें प्रशिक्षण में भारी गड़बड़ी की शिकायत की गई थी। जांच में यह बात सामने आई है कि मनीष कुमार नाम का कोई कार्यकारी अध्यक्ष है ही नहीं।
वरीय अधिकारियों के द्वारा मामला में एसोसिएशन के संज्ञान में लगाया गया। इसके बाद मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय ने पूरे मामले को फर्जी बताया है। राकेश पांडेय ने बताया कि मेंस एसोसिएशन में कार्यकारी अध्यक्ष का कोई पद ही नहीं है, न ही मनीष कुमार नाम का कोई पदधारी है। मेंस एसोसिएशन अध्यक्ष ने आशंका जाहिर की है कि पुलिसकर्मियों के बीच आपसी सौहार्द खराब करने की नीयत से किसी ने गुमनाम नाम से पत्राचार किया है।
पुलिस मेंस एसोसिएशन के द्वारा पूर्व में कई पत्राचार पुलिस मुख्यालय से किए गए हैं। इस पत्राचार के कुछ अंश को फर्जी पत्र में लिया गया है। इसके बाद प्रशिक्षण केंद्रों, जिला और वाहनियों में अनियमितता की बात पत्र में लिखी गई। पत्र जब वरीय अधिकारियों तक पहुंचा तब इस मामले में एसोसिएशन के पदाधिकारियों को जानकारी दी गई। मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने मामला संज्ञान में आने के बाद कहा है कि दोषी पुलिसकर्मी को चिन्हित करने का प्रयास किया जा रहा है। दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
मामला संज्ञान में आने के बाद मेंस एसोसिएशन ने सभी जिलों के एसपी और पुलिस मुख्यालय के डीआईजी कार्मिक को पत्र लिखा है। मेंस एसोसिएशन ने पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया है कि किसी को भी कहीं कोई समस्या हो तो वह मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष या शाखा सभापति से लिखित पत्राचार कर सकते है। मेंस एसोसिएशन ने अपनी शाखाओं के अध्यक्ष को भी लिखा है कि जिस व्यक्ति ने पत्र लिखा है उसकी पहचान की जाए ताकि उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।