नई दिल्ली। घूमना किसे पसंद नहीं होता लेकिन लिवे नानजिकाना और जूनियर कोलोनी नाम के शख्स के साथ जो हुआ वो जानकर आप दंग रह जाएंगे. दरअसल दोनों दोस्त एक आइलैंड से घूमने निकले थे और अचानक इनके जीपीएस ट्रैकर ने काम करना बंद कर दिया जिसके बाद यह समुद्र में ही 29 दिनों तक लापता रहे. अब इस चुनौती से सुरक्षित बचकर आने के बाद दोनों दोस्तों ने कहा है कि यह हर चीज से एक अच्छा ब्रेक था.
दरअसल लिवे नानजिकाना अपने दोस्त जूनियर कोलोनी के साथ 3 सितंबर को मोनो आइलैंड से 60-हॉर्सपावर की एक छोटी मोटरबोट पर घूमने निकले थे. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक उनके ट्रैकर ने अचानक काम करना बंद कर दिया जिसके बाद उनके लिए पर्यटन खुद के जीवन के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई में बदल गया.
दोनों दोस्त सोलोमन द्वीप के नाविक हैं और न्यू जॉर्जिया द्वीप की यात्रा के दौरान जीपीएस खराब होने के बाद दिशाहीन होकर बहने लगे. उनके पास खाने के लिए सिर्फ संतरे की एक बोरी थी.
दोनों दोस्तों ने कहा, उन्होंने पहले यात्रा की थी लेकिन इस बार, भारी बारिश और हवा ने उनके जहाज को उड़ा दिया जिससे उनका जीपीएस ट्रैकर क्षतिग्रस्त हो गया. इसका नतीजा ये हुआ कि वे मोनो द्वीप पर अपने शुरुआती बिंदु के उत्तर-पश्चिम में 29 दिनों तक 400 किलोमीटर पानी में तैरते रहे.
खराब मौसम ने उनके लिए स्थिति को और बदतर बना दिया और जीपीएस के खराब हो जाने से उनके लिए खुद को बचाए रखना भी मुश्किल होता जा रहा था.
उन्होंने कहा, “हम नहीं देख सकते थे कि हम कहां जा रहे थे और इसलिए हमने ईंधन को बचाने के लिए इंजन को बंद करने और प्रतीक्षा करने का फैसला किया.” दोनों दोस्त संतरे, नारियल और वर्षा के जल से जीवित रहते हुए 29 दिनों तक बिना किसी दिशा के 400 किमी उत्तर-पश्चिम में समुद्र में तैरते रहे.
उन्होंने पापुआ न्यू गिनी के तट पर एक मछुआरे को देखा जिसे देखकर उन्होंने राहत की सांस ली. 29 दिनों में वे लोग इतने कमजोर हो गए थे कि जब वे 2 अक्टूबर को पोमियो शहर पहुंचे तो उन्हें नाव उठाकर पास के घर में ले जाना पड़ा.
नानजिकाना ने कहा कि उन्होंने अनुभव से कुछ सकारात्मक चीजें सीखी हैं. उसने कहा, “मुझे नहीं पता था कि जब मैं वहां था तो क्या हो रहा था. मैंने कोविड या कुछ और के बारे में नहीं सुना. उन्होंने कहा, “मैं घर वापस जाने के लिए उत्सुक हूं लेकिन मुझे लगता है कि यह हर चीज से एक अच्छा ब्रेक था.”