रांची। झारखण्ड में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1111 मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) श्रमिकों के कौशल उन्नयन का लक्ष्य रखा गया है। ‘उन्नति’ परियोजना के तहत अधिकतम 45 वर्ष तक की उम्र के मनरेगा श्रमिकों का कौशल विकास किया जाएगा, जिससे वे अपनी आय का स्थायी साधन प्राप्त कर सकें। इस परियोजना के अंतर्गत अब तक 818 मनरेगा श्रमिकों के कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। झारखंड राज्य मनरेगा कोषांग, रांची की ओर से प्रदेश के सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को उन्नति परियोजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समयबद्धता के साथ प्रशिक्षण पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया है।
वर्ष 2018-19 में मनरेगा के अंतर्गत 100 दिनों का कार्य पूर्ण कर चुके परिवारों के लक्षित श्रमिकों के कौशल उन्नयन का लक्ष्य प्राप्त करने हेतु जिले में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY),एवं ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (R-SETI) से प्रशिक्षण हेतु उपयुक्त व्यवस्था की उपलब्धता एवं जिले की परिस्थिति के अनुरूप प्रशिक्षण संस्थान का चयन करने को कहा गया है। राज्य स्तर से जारी परिपत्र में यह भी बताया गया है कि जिला इन दोनों संस्थानों में किसी भी संस्थान/संस्थानों के माध्यम से आवंटित लक्ष्य पूर्ण कर सकते हैं। इसमें किसी भी प्रकार की कोई बाध्यता नहीं है।
‘उन्नति’ परियोजना
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ‘उन्नति’ परियोजना का उद्देश्य मनरेगा श्रमिकों को कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण देना है। इसके तहत अधिकतम 45 वर्ष तक के मनरेगा श्रमिकों का कौशल विकास किया जाता है। इससे उन्हें आय के स्थायी साधन प्राप्त होंगे और उनकी आजीविका में सुधार होगा तथा वे आंशिक रोजगार से पूर्ण रोजगार की ओर बढ़ सकेंगे। परियोजना के अंतर्गत चयनित हितग्राहियों को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान तथा कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।
क्षमता वर्द्धन और गुणवत्ता पर भी ध्यान
राज्य सरकार का लक्ष्य सिर्फ रोजगार, आर्थिक सशक्तिकरण और परिसंपत्ति निर्माण तक ही सिमटा हुआ नहीं है, बल्कि लाभुकों के क्षमता निर्माण से भी है। इस योजना से जुड़े लाभुकों एवं मनरेगा कर्मियों का समय-समय पर क्षमतावर्द्धन हेतु राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। “उन्नति” परियोजना को राज्य में प्रतिबद्धता के साथ संचालित करना सरकार की प्राथमिकता है।
“उन्नति” परियोजना के तहत मनरेगा श्रमिकों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ने का कार्य किया जाएगा। सभी जिलों में “उन्नति” परियोजना का लाभ श्रमिकों के मिले इस निमित्त पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मनरेगा श्रमिकों को जीविकोपार्जन के लिए दिक्कत न हो इसके लिए रोजगार सृजन से संबंधित सभी कार्य प्रतिबद्धता के साथ ससमय पूरे किए जाएं।
– डॉ मनीष रंजन, सचिव ग्रामीण विकास विभाग
संक्रमण काल के बाद लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटे हैं। माननीय मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में इन्हें रोजगार उपलब्ध कराना शामिल है। सरकार हुनर को पहचान देने हेतु प्रयासरत है। इस कड़ी को “उन्नति” परियोजना नया आयाम देगी, जिसका सीधा लाभ राज्य के श्रमिकों को प्राप्त होगा।
– राजेश्वरी बी, मनरेगा, आयुक्त।