रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि साहेबगंज में फॉसिल पार्क का निर्माण हो रहा है। यह अच्छी बात है लेकिन इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई। हमने इसकी जानकारी लोगों से साझा नहीं की। इसको लेकर लोगों को जागरूक करें। ये फॉसिल पत्थर नहीं इतिहास के पन्ने हैं। इसका सम्मान करें।मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन गुरुवार को झारखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 14वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोर माइनिंग क्षेत्र में भी फॉसिल के होने की जांच हो। वन्य प्राणी आश्रयणियों के अंदर स्थित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को वन्यप्राणियों के संरक्षण के प्रति जागरूक करना सुनिश्चित करें। इससे वन्यजीव संरक्षण को बल मिलेगा। साथ ही बच्चे अपनी मर्जी के अनुरूप इसे कैरियर के रूप में अपना सकेंगे। राज्य के जंगल को समृद्ध करें। कई राज्य अपने जंगल और वन्यजीव को लेकर कार्य कर रहें हैं। वन विभाग उस मॉडल को झारखण्ड के लिए अपनाएं। बेहतर सुविधा देंगे तो लोग अवश्य यहां आएंगे।
कॉरिडोर की स्थिति को ठीक करें, अंडरपास निर्माण पर दें ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव खासकर हाथी कॉरिडोर पर विभाग विशेष ध्यान दे। कॉरिडोर से गुजरने वाली सड़कों के किनारे दीवार या लोहे का ऊंचा बैरियर लगा दिया जाता है। ऐसे में हाथियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इनके लिए अंडरपास का निर्माण बेहतर ढंग से करवाएं। जहां जरूरत हो वहीं अंडरपास का निर्माण करें, ताकि वन्यजीवों को सड़क पार करने में सुविधा हो सके। सड़क निर्माण को लेकर हमें बदलाव करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कोडरमा वन्य प्राणी आश्रयणी से होकर गुजरने वाली नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के लिए एक समिति गठन करने को कहा, ताकि वहां मौजूद सड़क को कैसा बनाया जाए। इसपर सहमति बने और वन्यजीव का संरक्षण भी हो सके।
बैठक में वन्यप्राणी आश्रयणियों के प्रबंधन योजना, झारखण्ड वन्यप्राणी नीति का निर्माण, राज्य के वन्यप्राणी अभ्यारण्यों के अंदर अवस्थित गांवों के ग्रामीणों की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान, रांची-जमशेदपुर एनएच के किनारे वृहत पौधारोपण, साहेबगंज में फॉसिल पार्क का निर्माण कार्य समेत अन्य विषयों पर चर्चा हुई। साथ ही पलामू टाइगर रिज़र्व, लावालौंग वन्यप्राणी आश्रयणी, गौतम बुद्ध वन्यप्राणी आश्रयणी समेत वनभूमि से होकर गुजरने वाली सड़कों के चौड़ीकरण, पुल निर्माण, रेलवे लाइन निर्माण के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श हुआ।
बैठक में कुल नौ एजेंडा पर चर्चा हुई। उनमें से दो को स्थगित कर दिया गया। एक एजेंडा को वापस लिया गया, जबकि दूसरे की जरूरत वर्तमान समय में नहीं रही। पांच एजेंडा स्वीकार किये गए।
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव एल. खिंग्याते, पीसीसीएफ राजीव रंजन, पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, एडीजी सीआईडी प्रशांत कुमार, निदेशक मत्स्य एच एन द्विवेदी, विभिन्न वन प्रमंडल के डीएफओ, वन जीव संरक्षण के लिए कार्य करने वाले गैर सरकारी संगठन के सदस्य एवं अन्य उपस्थित थे।