रांची, 11 फरवरी (स्वदेश टुडे)। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पदाधिकारियों को पारा शिक्षकों की तरह समग्र शिक्षा अभियान के तहत ही कार्यरत प्रखंड साधन सेवियों (बीआरपी) और संकुल साधन सेवियों (सीआरपी) के लिए भी सेवा शर्त नियमावली बनाने का निर्देश दिया है।
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इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार इसके साथ ही इनके भी मानदेय में वृद्धि की जाएगी। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसे दूसरे राज्यों में लागू नियमावलियों को मंगाकर अध्ययन करें। उन्होंने इसे लेकर पदाधिकारियों को फाइल भी बढ़ाने को कहा है।
मंत्री ने शुक्रवार को बीआरपी, सीआरपी की मांगों और उनकी समस्याओं पर विभाग और झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के पदाधिकारियों तथा बीआरपी-सीआरपी महासंघ के साथ बैठक के क्रम में यह निर्देश दिया है।
बैठक में मंत्री ने राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी से बीआरपी, सीआरपी की नियुक्ति, उन्हें वर्तमान में मिल रहे मानदेय तथा अन्य सुविधाओं की जानकारी ली। साथ ही उन्हें अगली बैठक में बीआरपी, सीआरपी से संबंधित सभी विस्तृत आंकड़े, अन्य राज्यों में बीआरपी, सीआरपी को दिए जा रहे मानदेय तथा अन्य सुविधाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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मंत्री ने महासंघ के नेताओं को आश्वस्त किया कि बीआरपी, सीआरपी की भी सेवाशर्त नियमावली एवं मानदेय वृद्धि पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पारा शिक्षकों के स्थायीकरण तथा नियमावली के वादे को राज्य सरकार ने पूरा किया। इसी तरह, बीआरपी, सीआरपी के बारे में भी सरकार उचित निर्णय लेगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में लगभग 2600 बीआरपी और सीआरपी कार्यरत हैं।
इस अवसर महासंघ की ओर से अध्यक्ष पंकज शुक्ला, उपाध्यक्ष विनय हलधर, महासचिव अमर खत्री आदि उपस्थित थे।