रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड सरकार मॉब लिंचिंग के मामलों में पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करेगी।
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आलमगीर आलम भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में बताया कि राज्य में वर्ष 2016 से अब तक 46 मॉब लिंचिंग के मामले सामने आए हैं। इन मामलों के 51 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा तथा पीड़ितों को 19 लाख 90 हजार का मुआवजा दिया गया है।
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मंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का मामला सरकार के पास विचाराधीन है। माले विधायक बिनोद सिंह ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से सदन में मॉब लिंचिंग का मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि 2016 से 2021 तक मॉब लिंचिंग की 58 घटनाएं हुई है। उन्होंने कहा कि हजारीबाग के करियातपुर में रूपेश पांडेय और बगोदर के खेतको में सुनील पासी की हत्या मॉब लिंचिंग है। इन मामलों में अभी तक किसी को सजा नहीं हुई है। यह भी बताया कि पीड़ितों को मुआवजा भी नहीं मिला है। उन्होंने सरकार से दोषियों को सजा देने और आश्रितों को मुआवजा देने की भी मांग की। इस पर मंत्री ने जवाब दिया।
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