पटना। सहारा इंडिया की विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं के जमा पैसों के भुगतान के लिए दायर दो हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को 11 मई को स्वयं हाई कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान सहारा से यह जानकारी मांगी थी कि सहारा बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा कब तक और किस तरह देगा। कोर्ट ने सहारा की ओर से कोर्ट में उपस्थित वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह से स्पष्ट कहा कि हर हाल में वैसे निवेशकों, जिनका पैसा मैच्योर हो गया है, का भुगतान उन्हें किया जाय।
कोर्ट ने कहा कि बिहार एक गरीब राज्य है। यहां की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो उन्होंने सहारा कंपनी की विभिन्न स्कीमों में जमा करवा रखा गया है, का भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह बहुत ही गलत है। सहारा को हर हाल में निवेशकों के पैसों का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि 11 मई तक सहारा प्रमुख सुब्रत राय को कोर्ट में पेश होना होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सहारा इंडिया से निवेशकों के भुगतान के समय तय करने पर सहारा के अधिवक्ता ने कहा था कि सेबी के यहां उसका, जो पैसा जमा है, उसमें से अगर सेवी एक हजार करोड़ रुपया भी उन्हें दे देती है तो वह बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा लौटा देंगे। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सेबी से सहारा की दो कंपनियों के पैसे को छोड़कर बाकी पैसा सहारा को लौटाने को कहा था लेकिन सेबी ऐसा नही कर रहा है। उन्होंने कोर्ट को बताया था की सहारा इंडिया के दो स्कीम सहारा हाउसिंग और सहारा रियल स्टेट में जमा किए गए पैसों को भुगतान करने के लिए अभी तक सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नही है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि अगर कोई सकारात्मक जवाब सहारा की ओर से नही आया ताे 27 अप्रैल को कोर्ट उचित आदेश पारित करेगा। आज कोर्ट ने सहारा प्रमुख को 11 मई को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।