नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2020’ से सम्मानित बच्चों के साहसिक कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इतनी कम आयु में बच्चों के अद्भुत कार्यों को देखकर वे हैरान हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के साहसिक कार्यों के विषय में सोचने भर से ही लोगों के पसीने छूट जाते हैं।
मोदी ने शुक्रवार को अपने आवास पर राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित 49 बच्चों से मुलाकात की। यह पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 22 जनवरी को प्रदान किये गए थे। पुरस्कार विजेता गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेंगे। बहादुर बच्चों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके वीरतापूर्ण कारनामों ने उन्हें प्रेरित किया है और वे उनकी कहानियों को सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया के साथ साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि आप सब कहने को तो बहुत छोटी आयु के हैं, लेकिन आपने जो काम किया है उसको करने की बात तो छोड़ दीजिए, उसे सोचने में भी बड़े-बड़े लोगों के पसीने छूट जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इतनी कम आयु में जिस प्रकार आप सभी ने अलग-अलग क्षेत्रों में जो प्रयास किए, जो काम किया है, वो अदभुत है। आप सबके साहसिक कार्यों से और भी लोगों को प्रेरणा मिलती है। आप अपने समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी के लिए जिस प्रकार से जागरूक हैं, ये देखकर गर्व होता है। उन्होंने कहा कि मैं आप सभी युवा साथियों के ऐसे साहसिक काम के बारे में जब भी सुनता हूं, आपसे बातचीत करता हूं, तो मुझे भी प्रेरणा मिलती है, ऊर्जा मिलती है।
प्रधानमंत्री ने बच्चों के साथ अपने जीवन का एक दिलचस्प वाकया साझा करते हुए कहा कि कई साल पहले किसी ने उनके चेहरे के तेज का कारण पूछा था। इसके जवाब में मोदी ने कहा कि असल में वह शारीरिक रूप से कड़ी मेहनत करते हैं जिसके कारण उन्हें काफी पसीना आता है और वह उसी पसीने से चेहरे की मालिश करते हैं जिससे उनका चेहरा चमक जाता है।
प्रधानमंत्री से उनकी मां के संबंध में पूछे गये एक बालक की मुलाकात का वाकया साझा करते हुए मोदी ने कहा कि एक बच्चे ने उनसे पूछा था कि आप इतना काम करते हैं क्या आपको कभी अपनी मां की याद नहीं आती। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह अपनी मां को याद करते हैं तो उनकी सारी थकान दूर हो जाती है।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से पुलिस स्मारक देखने की अपील करते हुए कहा कि आजादी के बाद से अब तक देश में 33 हजार पुलिस के जवान शहीद हुए हैं। उस पुलिस के प्रति आदर का भाव बनना चाहिए। इससे समाज में एक बदलाव शुरू हो जाएगा। आप सभी को पुलिस मेमोरियल देखने जरूर जाना चाहिए।
देश के युवाओं से एक बार फिर संविधान में प्रदत मौलिक अधिकारों के बजाय कर्तव्यों को प्राथमिकता देने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि ज्यादातर हम अधिकारों पर बल देते हैं। उन्होंने कहा कि आप अपने समाज के प्रति, राष्ट्र के प्रति अपनी ड्यूटी के लिए जिस प्रकार से जागरूक हैं, ये देखकर गर्व होता है। प्रधानमंत्री ने इससे पहले लाल किले से अपने भाषण में भी कर्तव्यों के महत्व पर बल दिया था।