Artificial Intelligence : AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेस शब्द खूब प्रचलन में है। इंस्टाग्राम पर रील स्वाइप करते हुए भी शायद आपने ये शब्द देखा हो। हो सकता है वहां आपने AI की मदद से बनी कोई फोटो या वीडियो भी देखी हो। कभी आपने सोचा है कि फेसबुक या इंस्टाग्राम पर आप कोई वीडियो बड़े ध्यान से देखते हैं.. फिर उसके बाद वैसे ही वीडियोज आपकी फीड में लगातार कैसे दिखते रहते हैं? या फिर फ्लिपकार्ट या अमेजन पर आप कोई चीज सर्च करते हैं, भले ही वो चीज आपने खरीदी ना हो, फिर भी कैसे आपको अपने फेसबुक-इंस्टाग्राम या किसी गेम में बार-बार उसके विज्ञापन दिखने लगते हैं? ये सब AI की वजह से ही होता है। दरअसल, सोशल मीडिया कंपनियां AI का इस्तेमाल कर यूजर के इंटरेस्ट का पैटर्न समझती हैं और उनका डेटा इकट्ठा करती हैं। इसी डेटा का इस्तेमाल कर वो यूजर को इस तरह के विज्ञापन या फीड दिखाती हैं।
हाल ही में ChatGPT नाम का AI टूल भी काफी चर्चा में रहा। ChatGPT एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां आप कोई सवाल पूछते हैं तो उसका लिखित जवाब आपको मिलता है। अगर आपको किसी विषय पर 400 शब्दों का निबंध लिखना हो तो ये आपको ChatGPT तुरंत लिखकर दे देगा। बच्चे इस टूल का इस्तेमाल अपना होमवर्क करने में सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ लोग तो ये भी मानते हैं कि ये Google का रिप्लेसमेंट है। हालांकि, ये कहना अभी बहुत जल्दबाजी होगी क्योंकि ChatGPT में अभी कई खामियां हैं और आप इस पर पूरी तरह भरोसा भी नहीं कर सकते।
बहरहाल, अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूज करते हैं तो आपके फोन में Google Assistant भी होगा। गूगल अपने इस टूल को इतना एडवांस कर रहा है कि भविष्य में आप इसकी मदद से कई सारे जरूरी काम आसानी से कर पाएंगे। जैसे आपको किसी रेस्टोरेंट में टेबल बुक करने या डॉक्टर की अपॉइंटमेंट लेने के लिए खुद बात करने की जरूरत नहीं होगी। ये आपको Google Assistant ही कर देगा। और जिस तकनीक से ये सब संभव होगा, वो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ही है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हमारी डेली लाइफ में बहुत कॉमन हो चुका है और इसको नजरअंदाज करना लगभग नामुमकिन है। तो इसलिए ये समझना जरूरी हो जाता है कि आखिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है क्या और काम कैसे करता है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है और कैसे काम करता है?
AI यानी Artificial Intelligence को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं, जिसका मतलब है बनावटी यानी कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कम्प्यूटर साइंस की एक एडवांस्ड शाखा है। इसमें एक मशीन को कम्प्यूटर प्रोगामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे वो इंसानों की तरह सोच-समझ सके और फैसले ले सके।
दूसरे शब्दों में कहें तो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये एक ऐसा कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने की कोशिश होती है जिसके आधार पर एक इंसान का दिमाग काम करता है।
AI की शुरुआत कब और किसने की?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक अमेरिका के कम्प्यूटर साइंटिस्ट जॉन मैकार्थी को माना जाता है। मैकार्थी ने 1956 में डॉर्टमाउथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था। इसी कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पहली बार AI के कॉन्सेप्ट और संभावनाओं पर चर्चा की थी। जॉन मैकार्थी के मुताबिक, AI बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और इंजीनियरिंग है।। जिसका मतलब है मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया गया इंटेलिजेंस।
AI की शुरुआत भले ही 1950 के दशक में हुई, लेकिन इसे पहचान 1980 के दशक की शुरुआत में मिली। 1981 में जापान ने इस तकनीक का इस्तेमाल करते हुए Fifth Generation नाम की एक योजना की शुरुआत की। इसमें सुपर-कम्प्यूटर के विकास के लिए 10-वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी।
जापान के बाद दूसरे देशों का भी ध्यान इस ओर गया। ब्रिटेन ने इसके लिये ‘एल्वी’ नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया। यूरोपीय यूनियन के देशों ने भी ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संस्था ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की।
ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
AI का इस्तेमाल बहुत सारे क्षेत्रों में किया जा रहा है, जैसे आपने Chat Bot का नाम सुना होग। आजकल कई कंपनियां चैट बोट का इस्तेमाल कस्टमर सपोर्ट के लिए करती हैं। चैट बोट आपको लगभग हर बैंक की ऑनलाइन सर्विस में मिल जाएगी। जब कभी आप ऑनलाइन बैंकिंग इस्तेमाल करते हैं और कोई चीज आपको ना समझ आ रही हो तो बैंक आपको तीन विकल्प देता है, पहला- आप बैंक जाकर अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं; दूसरा- आप कस्टमर केयर नंबर पर बात कर सकते हैं; और तीसरा- आप ऑनलाइन कस्टमर सपोर्ट पा सकते हैं। ये तीसरा विकल्प Chat Bot का ही होता है, जहां आप अपनी समस्या चैट बॉक्स में लिखते हैं और फिर दूसरी ओर से आपको उसका समाधान दिया जाता है। दूसरी ओर से समाधान देने वाला कोई इंसान नहीं, बल्कि बैंक का AI टूल ही होता है, जिसे Chat Bot का नाम दिया गया है। ऐसे ही Chat Bot का इस्तेमाल अलग-अलग क्षेत्र की अलग-अलग कंपनियां भी करती हैं।
Education Sector में AI ने जबरदस्त बदलाव लाए हैं, जो छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए फायदेमंद हैं। एआई-संचालित असिस्टेंट की बदौलत छात्र अब शिक्षकों से संपर्क किए बिना शैक्षिक संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी छात्रों को नियमित रूप से स्कूल की कुछ जिम्मेदारियों और गतिविधियों में सहायता करने के लिए अमेजॉन एलेक्सा का इस्तेमाल करती है। छात्र एलेक्सा से प्रश्न पूछ सकते हैं और वह जवाब देती है और उन्हें दूसरे विकल्पों और संसाधनों के बारे में भी बताती है।
ग्रेडिंग प्रक्रिया को ऑटोमैटिक बनाकर AI शिक्षकों का समय बचा सकता है, जिसमें वे शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए दूसरे तरीकों पर काम कर सकेंगे। AI का इस्तेमाल होमवर्क और छात्रों को तुरंत फीडबैक देने के लिए किया जा सकता है। छात्रों की सीखने की प्राथमिकताओं और तरीकों की जांच करके, एआई उन्हें व्यक्तिगत सीखने के अनुभव भी प्रदान कर सकता है। इसके अलावा AI, छात्रों को उनकी जरूरत के हिसाब से पढ़ाई के लिए स्पेशल कॉन्टेंट (पहले से मौजूद कॉन्टेंट, जैसे- BYJU’S, Unacademy जैसे प्लेटफॉर्म के चुनिंदा कॉन्टेंट को एक जगह रखना) उपलब्ध करा सकती है।
Personalized Learning Experience उपलब्ध कराने के लिए AI Algorithm का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे हर एक स्टूडेंट के लिए कस्टमाइज पाठ्यक्रम और Learning Pace प्रोवाइड किया जा रहा है।
Healthcare Sector में AI का इस्तेमाल काफी तेजी से हो रहा है। कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों से लेकर रेडियोलॉजी तक, सटीक नतीजों के लिए एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की देखभाल करता है और साथ ही उनका सटीक इलाज ढूंढने में मदद कर रहा है। PathAI इसका एक अच्छा उदाहरण है। इसकी मदद से कैंसर डायग्नोसिस का सटीक डेटा मिलता है और इलाज में मदद मिलती है। वहीं AI-माइक्रोस्कोप की मदद से जानलेवा रक्त रोगों (Fatal Blood Diseases) का भी सटीक डेटा मिल सकता है। AI Algorithm का इस्तेमाल मेडिकल इमेजिंग जैसे- एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन में हो रहा है। इनके अलावा स्वास्थ्य से संबंधी सेवाओं में कस्टमर सर्विस चैटबोट, वर्चुअल हेल्थ असिस्टेंट, मेडिकल रिकॉर्ड के मैनेजमेंट, सर्जरी, ड्रग डिस्कवरी और डेवलपमेंट समेत कई सारी मेडिकल सेवाओं में AI बहुत उपयोगी है।
Agricultural Industry में AI, कृषि उद्योग में क्षमता, उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाकर क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। Precision Farming यानी परिशुद्ध खेती में AI काफी कारगर है। परिशुद्ध खेती में डिजिटल कृषि प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके फसल की उत्पादकता में वृद्धि करने का प्रयास किया जाता है। इस तरह की खेती में एआई सेंसर, ड्रोन और उपग्रहों से डेटा का विश्लेषण करता है और किसानों को वास्तविक समय के आंकड़ों के आधार पर पानी, उर्वरक और कीटनाशकों के इस्तेमाल की सही जानकारी देता है। AI Algorithm फसलों की कमजोरी, बीमारी के प्रकोप या पोषक तत्वों की कमी की पहचान कर सकता है, जिससे किसान समय पर कार्रवाई करके बर्बादी को कम कर सकते हैं।
बीजों की बुवाई से लेकर फसलों की छंटाई और कटाई के लिए भी AI तकनीक पर आधारित ऑटोमैटिक मशीनरी और रोबोटिक्स का इजाद किया जा रहा है। इसके इलावा कृषि के क्षेत्र में दुधारू पशुओं की मानिटरिंग के लिए भी AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। AI आधारित सिस्टम सेंसर, कैमरा और पहनने वाले उपकरणों का उपयोग करके पशुओं के स्वास्थ्य और व्यवहार की मॉनिटरिंग की जाती है। AI Algorithm का इस्तेमाल जमीन और मौसम विश्लेषण, आपूर्ति श्रृंखला के अनुकूलन, रोग और कीट प्रबंधन में भी लगातार किया जा रहा है।
Finance Sector में AI, वित्तीय लेनदेन में फ्रॉड की जांच और रोकथाम, Algorithmic Trading, Credit Scoring और जोखिम मूल्यांकन के लिए उपयोग किया जाता है। एआई से संचालित चैटबॉट कस्टमर सेवा में तेजी से और सटीक जवाब देने के लिए इस्तेमाल होते हैं।
Marketing & Advertising Sector में AI, वैयक्तिकृत विज्ञापन (Personalized Ads) देने के लिए यूजर की प्राथमिकताओं और व्यवहार का विश्लेषण करके टारगेटेड विज्ञापन में मदद करता है। Natural Language Processing Algorithm ग्राहकों की पसंद-नापसंद को समझने और ब्रांड इमेज में सुधार करने के लिए सोशल मीडिया डेटा का विश्लेषण करता है।
Transportation Sector में AI, ऑटोमैटिक वाहनों के साथ क्रांति ला रहा है। AI Algorithm नेविगेशन और यातायात प्रबंधन में मदद करते हैं। ये वाहनों के रखरखाव, डाउनटाइम को कम करने और सुरक्षा बढ़ाने में भी सक्षम बनाता है।
Cyber Security में AI जरूरत बन चुका है। साइबर सुरक्षा में एआई का इस्तेमाल नेटवर्क ट्रैफिक में पैटर्न और विसंगतियों की पहचान करने के लिए ज्यादा किया जा रहा है ताकि संभावित हमलों से बचा जा सके। ये User Authentication और धोखाधड़ी का पता लगाने में भी मदद करता है।
Defense Sector में AI बहुत तेजी से प्रासंगिक हो चुका है और इसमें सैन्य अभियानों के विभिन्न पहलुओं को बदलने की क्षमता है। सेना के अलग-अलग एक्सरसाइज में ऑटोमैटिक गाड़ियां, ड्रोन और रोबोट विकसित करने के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है। ये सिस्टम इंसानों के डायरेक्ट हस्तक्षेप के बिना सैन्य प्रशिक्षण, निगरानी, लक्ष्य प्राप्ति और यहां तक कि युद्ध संचालन जैसे कार्य भी कर सकता है।
इनके अलावा AI का इस्तेमाल रिटेल, मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से हो रहा है।
AI के फायदे
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से प्रचलित हो गया है और इससे कई लाभ हुए हैं। एआई की सबसे बड़ी खासियत Automation है और इसका संचार, परिवहन, उपभोक्ता उत्पादों और सेवा उद्योगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। स्वचालन (Automation) से न केवल इन क्षेत्रों में उत्पादकता में वृद्धि होती है, बल्कि कच्चे माल का अधिक कुशल उपयोग, बेहतर उत्पाद की गुणवत्ता, कम लीड समय और बेहतर सुरक्षा भी मिलती है। स्वचालन उन संसाधनों को मुक्त करने में मदद कर सकता है जिनका उपयोग अधिक महत्वपूर्ण चीजों के लिए किया जा सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हमेशा बेहतर फैसले लेने के लिए किया जाता रहा है। एआई तकनीक, डेटा डिलिवरी का समन्वय कर सकती है, रुझानों का विश्लेषण कर सकती है, पूर्वानुमान प्रदान कर सकती है और सबसे बेस्ट फैसले लेने के लिए अनिश्चितताओं की संख्या बता सकती है। जब तक एआई को मानवीय भावनाओं की नकल करने के लिए प्रोग्राम नहीं किया जाता है, तब तक यह मामले पर निष्पक्ष रहेगा और व्यावसायिक दक्षता (Professional Competence) का समर्थन करने के लिए सही फैसला लेने में मदद करेगा।
इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में नए-नए खोजों में मदद करना, रोजमर्रा के जीवन को आसान बनाने से लेकर AI कई मायनों में काफी उपयोगी है।
AI के नुकसान
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई तरह के फायदे हैं तो इसके नुकसान भी हैं।
नौकरियां खत्म होने का खतरा : एआई में पारंपरिक रूप से किए जाने वाले कार्यों को स्वचालित करने की क्षमता है, जिससे कुछ उद्योगों में लोगों की नौकरियां जा सकती हैं और बेरोजगारी पैदा हो सकती है। जैसे- कस्टमर सपोर्ट के लिए बनाए गए चैटबोट अगर 100% सफल होते हैं तो कंपनियां इसके लिए नौकरियां निकालना बंद कर देंगी। इसी तरह का खतरा दूसरी कई नौकरियों के साथ भी है। सबसे ज्यादा खतरा फिल्मिंग और ग्राफिक डिजाइनिंग से जुड़े लोगों पर होगा, क्योंकि इस फील्ड में तेजी से AI का इस्तेमाल हो रहा है और इसके नतीजे भी आश्चर्यजनक हैं।
पूर्वाग्रह और निष्पक्षता (Bias and Fairness) : जिस डेटा पर AI System को ट्रेनिंग दी जाती है, उसमें मौजूद पूर्वाग्रह भी उसके साथ बने रह सकते हैं, जिसके भेदभावपूर्ण नतीजे हो सकते हैं। यदि सावधानीपूर्वक डिजाइन और निगरानी नहीं की गई, तो AI Algorithm सामाजिक असमानताओं और पूर्वाग्रहों को मजबूत कर सकते हैं, जिसका असर AI की फैसले लेने की क्षमता (Decision Making)पर पड़ सकता है। जहां मानवीय मूल्यों और भावनाओं की बात होगी, वहां भी AI के फैसले से नुकसान होने की आशंका ज्यादा है।
निजी सुरक्षा (Privacy) पर खतरा – जहां एक ओर एआई निजी सुरक्षा के लिए मददगार साबित हो सकता है तो वहीं यही सिस्टम निजी सुरक्षा को नुकसान भी पहुंचा सकता है। क्योंकि पूरा एआई सिस्टम डेटा पर निर्भर होगा, इसलिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों की प्राइवेसी पर इसका दुष्प्रभाव पड़ सकता है।
AI में मानवीय संवेदनाएं नहीं होंगी, इसलिए इस तरह के मामलों में इसका इस्तेमाल करना घातक साबित हो सकता है। साथ ही इस पर बहुत ज्यादा निर्भर रहना भी नुकसानदेह हो सकता है। ये इंसान को आलसी बना सकता है, जिसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ सकता है।
AI की चुनौतियां
AI की सबसे बड़ी चुनौती इसकी कीमत होगी। एआई हर दिन अपडेट हो रहा है इसलिए नई जरूरतों को पूरा करने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को समय के साथ अपडेट होने की आवश्यकता है। मशीनों को मरम्मत और रखरखाव की आवश्यकता होती है जिसके लिए बहुत अधिक लागत लगती है।
एआई डेटा पर आधारित प्रणाली है। इसके पास जितना ज्यादा डेटा होगा ये उतना सटीक होगा, और जितना कम डेटा होगा, इसके गलतियां करने की आशंकाएं भी उतनी ही होंगी।
रक्षा क्षेत्र में एआई का इस्तेमाल सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। दुनिया के कई देश AI Based Soldier यानी Soldier Robot बनाने की कोशिश में हैं ताकि मानवीय क्षति को कम किया जा सके। अगर ऐसा होता है तो ये एक बड़ी उपलब्धि होगी लेकिन ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि एक मशीन में कभी भी खराबी आ सकती है और इस स्थिति में इसके बेहद घातक परिणाम सामने आ सकते हैं। सोचने-समझने वाले रोबोट अगर किसी वजह या परिस्थिति में इंसानों को अपने खिलाफ मानने लगें, तो मानवता के लिये खतरा पैदा हो सकता है। ऐसी स्थिति शायद आपने कई फिल्मों में भी देखी होगी।
AI का भविष्य
आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस का भविष्य बहुत ही रोचक है। इस तकनीक को लेकर रोज कुछ नया हो रहा है। आजकल इसके एडवांस और डीप लर्निंग मॉडल्स (Deep Learning Models) बहुत तेजी से डेवलप हो रहे हैं, जिनका इस्तेमाल बहुतेरे कामों जैसे- मेडिकल डायग्नोसिस, सेल्फ ड्राइविंग कार, स्मार्ट होम्स, स्टॉक मार्केट एनालिसिस जैसी बहुत सारी चीजों में किया जा रहा है। यह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को आकार देने में काफी मददगार साबित होगा। आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेहद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भारत में संभावनाएं
भारत में एआई के विकास की अपार संभावनाए हैं और इसका लगातार इस्तेमाल भी हो रहा है। अभी हाल ही में एआई आधारित Face Recognition सॉफ्टवेयर ने यूपी में चल रही एक परीक्षा में कई नकलचियों को पकड़ा है। देश में ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां एआई का कारगर इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरकार ने भी इस दिशा में कई कदम बढ़ाए हैं। सरकार ने उद्योग जगत से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के लिए एक मॉडल बनाने में सहयोग की अपील भी की है। उद्योग जगत का भी इसमें काफी रुझान है। अब इस दिशा में एक अथॉरिटी बनाने की मांग भी की गई है जो इसके नियम-कायदे तय करे और पूरे क्षेत्र की निगरानी करे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल जब संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया तो एआई जैसी उभरती हुई तकनीक के लिए कई विकास पहलों की घोषणा की।
सीतारमण ने घोषणा की कि ‘AI In India’ और ‘Make AI work for India’ के विजन को साकार करने में मदद करने के लिए, देश भर के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्टता केंद्र (Center of Excellence) स्थापित किए जाएंगे। विशेषज्ञों और उद्योग जगत ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि इससे अर्थव्यवस्था और भारत के विकास को गति मिलेगी।
सरकार ने AI के क्षेत्र में काम करने के लिए 7-सूत्री रणनीति भी बनाई है, जो इसका इस्तेमाल करने के लिए स्ट्रेटजी तैयार करती है-
-मानव-मशीन की बातचीत के लिये विकासशील तरीके बनाना।
-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और R&D के साथ एक सक्षम कार्यबल का निर्माण करना।
-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक, कानूनी और सामाजिक पहुलओं को समझना और उन पर काम करना।
-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को मानक मानकर और बेंचमार्क के माध्यम से मापन का मूल्यांकन करना।
आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के फील्ड में करियर
एआई ही फ्यूचर है और इसकी तकनीक जितनी फैसिनेटिंग है उतनी ही इसकी पढ़ाई भी। एआई कंम्प्यूटर साइंस की एडवांस्ड शाखा है, इसीलिए इसमें करियर बनाने की भी अपार संभावनाएं हैं। अगर आप भी एआई के फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको कुछ बेसिक प्रोगामिंग लैंग्वेज, मैथ्स और सांख्यिकी यानी Statistics में महारत हासिल करना होगा। एआई के इस्तेमाल करने के लिए आपको बहुत सी लैंग्वेज और टूल भी सीखने होंगे, जैसे- पाइथन, टेंसरफ्लो, scikit-learn।। इन सब के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आजकल बहुत सारे ऑनलाइन रिसोर्सेज और कोर्स उपलब्ध हैं जिनके जरिए आप अपने एआई स्किल्स को डेवलप कर सकते हैं।
आम लोगों पर कितना और कैसा असर?
एआई के प्रोग्रेस से हम भविष्य में एक दिन ऐसे समय में पहुंच सकते हैं जब हम इसी की मदद से अपने रोजमर्रा के काम आराम से कर सकेंगे। हो सकता है एआई एक समय में इतना सफल हो कि आपको शेयर मार्केट में कहां इनवेस्ट करना चाहिए, इसकी भी सटीक सलाह दे पाए।
फोटो एडिटिंग की दुनिया में एआई बहुत तेजी से फैल रहा है। फोटोशॉप ने भी AI का इस्तेमाल करते हुए Generative Fill नाम का टूल तैयार किया है, जिसके नतीजे बेहद आश्चर्यजनक है। आपको अब यहां फोटो एडिट करते समय प्रो होने की जरूरत नहीं है, बल्कि Generative Fill की मदद से कोई भी शानदार फोटो एडिटिंग कर सकता है। कुछ AI टूल ऐसे हैं जो आपको किसी गाने में से उसके बोल और उसका म्यूजिक अलग करके दे सकते हैं, जो कि एडिटिंग सॉफ्टवेयर में करना बहुत मुश्किल होता और ज्यादातर समय तो नामुमकिन होता है।
इन सब चीजों का सीधा मतलब है कि एआई कुछ लोगों के रोजगार पर बुरा प्रभाव डालने वाला है। जहां वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कईयों फायदे गिनाते हैं, वहीं वे ये भी मानते हैं कि इसके आने से सबसे बड़ा नुकसान इंसानों को ही होगा, क्योंकि उनका काम मशीनों से लिया जाएगा, जो स्वयं ही फैसले लेने लगेंगी और उन पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो वे मानव सभ्यता के लिये हानिकारक हो सकते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सरकार को सतर्क रहना होगा। मशीनीकरण के माध्यम से आए बदलावों से सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग होते हैं जो अपनी कौशल क्षमता में तय समय के अंदर जरूरी सुधार लाने में असमर्थ होते हैं। इसलिए सरकार को चाहिये कि ऐसे लोगों को पर्याप्त ट्रेनिंग देने के लिये समय के साथ-साथ संसाधन भी उपलब्ध कराए। तकनीकों के इस बदलते दौर में ज़रूरत इस बात की है कि विशेषज्ञतापूर्ण कार्यों के लिये लोगों को Skilled बनाया जाए और इसके लिये इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विकास किया जाए।
(साभार : एबीपी)
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