नई दिल्ली। वनवासी रक्षा परिवार फाउंडेशन की ओर से इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में रविवार को वनवासी रक्षा परिवार कुंभ का आयोजन किया गया। इसमें मिनी भारत की झलक देखने को मिली। देश के विभिन्न 11 राज्यों के वनवासी बंधु व वहां विभिन्न प्रकल्पों के लिए काम कर रहे लोगों ने बड़ी संख्या में शिरकत की।
कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे, पूर्व राज्यपाल गोवा मृदुला सिन्हा, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीविष्णु सदाशिव कोकजे, महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी अनुभूतानंद गिरि जी महाराज, गीता मनीषी स्वामी श्री ज्ञानानंद महाराज जी, फाउंडेशन के राष्ट्रीय संगठन प्रभारी वीरेंद्र कुमार, कुंभ संयोजक हेमंत बत्रा, राजेंद्र चमडिय़ा, महामंत्री दिग्विजय गुप्ता, एकल अभियान के संस्थापक श्रीश्याम जी गुप्ता, बजरंग लालजी बागड़ा, रमेश जुनेजा, रमेशचंद्र अग्रवाल, महेश भागचंद आदि ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
संगठन प्रभारी वीरेंद्र कुमार ने फाउंडेशन से उद्देश्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एकल अभियान अंंतगर्त देश के वनवासी जनजातीय क्षेत्रों के 4 लाख गांवों में बसे वनबंधुओं की धार्मिक अस्मिता, स्वाभिमान, स्वावलंबन और राष्ट्रवाद की भावना को प्रबल करने के लिए समर्पित है। आज देशभर में 70 हजार संस्कार केंद्र चल रहे हैं। इसके माध्यम से वनवासी बंधुओं को नगरीय समाज को वनवासी समाज के समीप लाया जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि वनवासी बंधु भारत की संस्कृति के मजबूत स्तंभ है। भगवान राम व महावीर हनुमान का मिलन हम सभी के समक्ष एक दिव्य व पवित्र उदाहरण है। पूर्व राज्यपाल गोवा मृदुला सिन्हा ने कहा कि वनवासी क्षेत्र में फाउंडेशन का कार्य अति सराहनीय है। देश के प्रमुख साधु संतों ने आशीर्वाद वचन दिया। जल, जंगल व जमीन को बचाने और पर्यावरण के संरक्षण में फाउंडेशन का कार्य अति सराहनीय है। कुंभ के मंच पर देश के प्रमुख संत- महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी अनुभूतानंद गिरि महाराज एवं गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मनमोह लिया
कार्यक्रम के उद्घाटन से पहले नेपाल, असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा प्रशिक्षण केन्द्र के प्रशिक्षित वनवासी कार्यकर्ताओं द्वारा मनमोहक मंचीय प्रस्तुति दी गयी। कुंभ में आदिवासी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मनमोह लिया। इनकी प्रस्तुति देखते बन रही थी। वृंदावनधाम में प्रशिक्षित आदिवासी कथाकारों द्वारा भजनांजलि की प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। एकल आदिवासी कार्यकर्ताओं द्वारा हिमाचल प्रदेश का लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। एकल आदिवासी कार्यकर्ताओं द्वारा असम बीहू लोकनृत्य ने सभी का मनमोह लिया। स्वरनिनाद कोल्हापुर द्वारा जागो हिंदुस्तानी कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई।
वनवासी रक्षा परिवार कुंभ का उद्देश्य
वनवासी रक्षा परिवार फाउंडेशन एकल अभियान के अंतर्गत देश के वनवासी जनजाति एवं पिछडे़ क्षेत्रों के चार लाख गांवों में बसे वनबंधुओं की धार्मिक अस्मिता, स्वाभिमान, स्वावलंबन और राष्ट्रवाद की भावना को प्रबल करने के लिए समर्पित है। देश के 70 हजार गावों में संगठन के संस्कार केंद्र चल रहे हैं। इसका उद्देश्य नगरीय समाज को वनवासी क्षेत्रों की समस्याओं से जोड़ना है। वनवासी समाज की गरीबी, अशिक्षा एवं धर्मांतरण के प्रति प्रबुद्ध समाज का ध्यान आकृष्ट कर सहयोगी बनाने के लिए कुंभ का आयोजन किया गया है।