बेगूसराय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में पंचायती राज संस्था के शासन संबंधी क्षमताओं को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 31 मार्च 2026 तक जारी रखने की मंजूरी देने का ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने जोरदार स्वागत किया है।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि देश की पंचायतों के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को नरेन्द्र मोदी की सरकार ने बड़ा प्रोत्साहन दिया है। 15वें वित्त आयोग से 5911 करोड़ की निधि जारी की जाएगी, जिसमें 37 सौ करोड़ केन्द्रांश एवं दो हजार दो सौ 11 करोड़ राज्यांश है। राज्य सरकार प्राथमिकता और आवश्यकता के अनुसार केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त करने के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार करेगी तथा योजना को मांग आधारित प्रारूप में लागू किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण में नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा।
देश भर में पारंपरिक निकायों सहित दो लाख 78 हजार से अधिक ग्रामीण स्थानीय निकायों को उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर केंद्रित करने के साथ समावेशी स्थानीय शासन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को लेकर काम करने के लिए शासन संबंधी क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी। स्थानीय निकाय के 60 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं अन्य हितधारक इस योजना के प्रत्यक्ष लाभार्थी होंगे। आभासी प्रशिक्षण, स्व-शिक्षण एवं स्व-प्रमाणन लागू किया जाएगा लागू। पंचायतों को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से डेटा प्रबंधन, ई-सक्षमता, कन्वर्जेंस एवं मॉनिटरिंग में सहायता सहायता में मिलेगा।
ई-ग्रामस्वराज्य पोर्टल के माध्यम से पंचायतों की जवाबदेही और ई-गवर्नेंस की जाएगी सुनिश्चित। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का स्वायत्त संगठन तथा ग्रामीण विकास और पंचायती राज में उत्कृष्टता के प्रमुख राष्ट्रीय केंद्र एनआईआरडी के साथ मिलकर पूर्वोत्तर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ अच्छी पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं अनुसंधान एवं प्रचार के नए कम्पोनेंट किए जाएंगे शामिल। गरीबी मुक्त और आजीविका के संसाधनों में वृद्धि वाले गांव, स्वस्थ गांव, बच्चों के अनुकूल गांव, जल की पर्याप्त मात्रा वाले गांव, स्वच्छ और हरित गांव, गांव में आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन वाला गांव तथा गांव में महिला-पुरुष समानता आधारित विकास को प्राथमिकता दी जाएगी।
चायतों को मजबूत करने से सामाजिक न्याय और समुदाय के आर्थिक विकास के साथ-साथ समानता और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा। पंचायती राज संस्थाओं द्वारा ई-गवर्नेंस के अधिक उपयोग से बेहतर सेवा वितरण और पारदर्शिता हासिल करने में मदद मिलेगी। यह योजना ग्राम सभाओं को नागरिकों, विशेष रूप से कमजोर समूहों के सामाजिक समावेशन के साथ प्रभावी संस्थानों के रूप में कार्य करने के लिए मजबूत करेगी। इससे पर्याप्त मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे के साथ राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं के क्षमता निर्माण के लिए संस्थागत ढांचे की स्थापना होगी। एसडीजी के लक्ष्य तक पहुंचने में पंचायतों की भूमिका को पहचानने और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण मानदंडों के आधार पर प्रोत्साहन द्वारा पंचायतों को उत्तरोत्तर मजबूत किया जाएगा।