बिहार| बिहार में कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने सरकार की कमर तोड़ रखी है| वही बढ़ते संक्रमण की चेन को रोक कर बढ़ते मामलों पर नियंत्रण के लिए आज नीतीश सरकार कोई बड़ा फैसला लेगी। अब आज यह फैसला लॉकडाउन का होगा या किसी तरह के कड़े प्रावधानों का, इसे लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं।
रविवार को हुए राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सरकार ने हालात की जानकारी दी तथा नियंत्रण के लिए सभी दलों से उनके विचार जाने। बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अब आगे रविवार की सुबह सभी जिलो के डीएम और एसपी से बात करने के बाद सरकार लॉकडाउन या कोरोनावासरस संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सख्त गाइडलाइन को लेकर फैसला करेगी।
ये कड़ी नियम लागू कर सकती है सरकार
बता दे की सर्वदलीय बैठक में अधिकांश राजनीतिक दल पूर्ण लॉकडाउन के विरोध में थे। उनके अनुसार सरकार को रोटी, रोजगार के साथ जिंदगी को लेकर फैसला करना चाहिए। ऐसे में अनुमान लगाए जा रहे हैं कि सरकार फिलहाल पूर्ण लॉकडाउन के बदले कड़े प्रावधान लागू कर उनके सख्ती से अनुपालन पर जोर देगी।
वीक-एंड व नाइट कर्फ्यू में हो सकती है बढ़ौतरी
माना जा रहा है कि कोरोनावायरस संक्रमण के माइक्रो कंटेनमेंट जोन में पूर्ण लॉकडाउन जैसे प्रावधान लागू किए जा सकते हैं, लेकिन अन्य जगह ये प्रावधान वीक-एंड कर्फ्यू व नाइट कर्फ्यू हो सकते हैं।
स्कूल-कॉलेज होंगे और समय के लिए बंद
स्कूल-कॉलेज की बंदी कुछ दिनों के लिए बढ़ाई जा सकती है। साथ ही सिनेमा, स्टेडियम, संग्रहालय, जिम, धर्म स्थल आदि बंद किए जा सकते हैं। वही शादी समारोह में लोगों की संख्या काम की जा सकती है|
आर्थिक गतिविधियां शर्तों के साथ रहेंगी चालू
शॉपिंग मॉल व दुकान आदि शारीरिक दूरी के पालन, सैनिटाइजेशन व मास्क पहनने पर एंट्री आदि के प्रावधानों के साथ निश्चित अवधि के लिए खोले जा सकते हैं। रेंस्तरा और ढाबा को ऑनलाइन डेलिवरी व पैकिंग की छूट दी जा सकती है। वही बैंक, एटीएम, डाकघर व रसोई गैस की दुकान व पेट्रोल पंप आदि खुले रहेंगे, यह तय है। अस्पताल व फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाएं भी जारी रहेंगी।
फ्लाइट, ट्रेन व सड़क यातायात रोक नही
शारीरिक दूरी के पालन, सैनिटाइजेशन व मास्क पहनने पर एंट्री की शर्तों के साथ सार्वजनिक वाहन चलाए जा सकते हैं। निजी वाहनों के परिचालन की छूट दी जा सकती है। शर्तों के साथ ट्रेनों व फ्लाइट को जारी रखा जाएगा। हां और आने वाले यात्रियों की संक्रमण की जांच को कड़ा किया जा सकता है।
कार्यालयों में कम कर्मचारी आने की अनुमति
सरकारी व निजी संस्थानों की बात करें तो 33 या 50 फीसद कर्मियों को बुलाने की अनुमति दी जा सकती है। आवश्यक सेवाओं से जुड़े संस्थानों व कार्यालयों को इसमें छूट दी जा सकती है।