पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी और सिद्धार्थ शम्भू ने शनिवार को कहा कि गुजरात के कई अवसिंचित जिलों में नर्मदा परियोजना के माध्यम से सिंचित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के हरेक घर तक नल का जल पहुंचाने का संकल्प लिया है।
दोनों नेताओं ने कहा कि आजादी के बाद भी सच्चाई है कि भारत के कई इलाकों में सामान्य लोगों को स्वास्थ्यवर्धक जल उपलब्ध नहीं था। इस स्थिति को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री ने दो वर्ष पूर्व जल जीवन मिशन कार्यक्रम का आरंभ किया था। भारत सरकार का आंकड़ा यह बताता है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार आने से पूर्व मात्र 16.75 प्रतिशत लोगों को ही नल का जल उपलब्ध था जो जल जीवन मिशन के आने के बाद 49 प्रतिशत घरों तक पहुंच गया है।
दोनों नेताओं ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार की खासियत है कि वह हरेक कार्य को मिशन मोड में लेकर चलती है। इसलिए 2022-23 के वार्षिक बजट में 3.8 करोड़ घरों को इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए 60 हजार करोड़ की बड़ी राशि का प्रावधान किया है जो विगत वर्ष के बजट से लगभग 50 प्रतिशत ज्यादा है। आज देश के 106 जिलों के 1.45 लाख गांवों में नल में कनेक्शन से जल की आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार 17 लाख 39 हजार विद्यालयों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में नल से पेयजल की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है ।
मिथिलेश तिवारी और शम्भू ने कहा कि इस दृष्टि को बिहार सरकार ने भी स्वीकार किया है तथा ‘आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय’ योजना के तहत बिहार में बीते चार वर्षों में 90 प्रतिशत बसावटों तक नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है। बिहार सरकार ने भी अपने वार्षिक बजट में 8 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि इस पर खर्च करने वाली है।
उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए केन्द्र लगभग 60 सिंचाई परियोजनायें पूर्ण करने जा रही है । हर खेत को पानी मिले इसके लिए त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम को मंजूरी दे दी गयी है । इन योजनाओं के पूर्ण होने पर 30.23 हेक्टेयर की बड़ी भूमि को जल मिलने लगेगा । बिहार में राजग की सरकार के आने के बाद कृषि उत्पादन भी बढ़ा है तथा कृषि विकास दर विगत 17 वर्षों में 11 प्रतिशत आसपास रहती आयी है ।