बेगूसराय। राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर बुधवार को कृतज्ञ देशवासी श्रद्धापूर्वक याद कर रहे हैं। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें नमन किया जा रहा है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद करते हुए कहा कि राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले विपुल राष्ट्रवादी विचारक और जनसंघ के संस्थापक पूज्य डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का मातृभूमि को समर्पित जीवन हम सभी को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के तात्कालीन सरसंघ चालक गुरु गोलवलकर जी के सहयोग से जनसंघ कि स्थापना की। वही जनसंघ आज भारतीय जनता पार्टी के रूप में देश का नेतृत्व करते हुए भारत को विश्व गुरु बना रहा है। आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति से जम्मू-कश्मीर के लिए संविधान में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान की व्यवस्था बनाया गया तो, प्रखर राष्ट्रवादी डॉ. मुखर्जी ने सबसे पहले देश में एक संविधान एक विधान एक निशान का नारा दिया था। डॉ. मुखर्जी अपने देश में दो संविधान का विरोध करते हुए अंतरिम सरकार से त्याग पत्र देकर जनसंघ की स्थापना की तथा कानून का विरोध करते हुए बगैर परमिट जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर गए।
उनकी प्रेरणा और सोच को आधार मनाकर भाजपा पूरे देश में काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उनके सभी सपनों को साकार करने में लगे हुए हैं। डॉ. मुखर्जी की इच्छा थी कि भारत के अभिन्न अंग कश्मीर के लिए विशेष नियम, संविधान और झंडा नहीं होनी चाहिए। संपूर्ण भारत में एक नियम, एक संविधान और एक झंडा के सपने को साकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर से धारा 370 हटा दिया, आज भारत अखंड होने के कगार पर है।
जिस अखंड भारत की परिकल्पना का नारा डॉ. मुखर्जी ने दिया था, उस नारे को सत्यता में बदलकर मोदी सरकार ने अपने दृढ़ संकल्प का परिचय दिया है। आज उस काश्मीर में अमन, चैन और खुशहाली के साथ विकास की गंगा बह रही है, उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरक है।