मुंबई। भारतीय रुपये का लगातार अवमूल्यन हो रहा है। केंद्र सरकार लगातार अर्थव्यवस्था मजबूत होने का दावा कर रही है, लेकिन पिछले छह साल में रुपये अपने सबसे निचले स्तर तक पहुंच कर सरकार के दावे की पोल खोल रहा है।
शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपये 72.05 के स्तर तक पहुंच गया है। शेयर बाजार का सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांक भी 4 हजार अंक तक लुढ़क चुका है। इसी साल सेंसेक्स ने 40,312.07 अंक की तेज उछाल लगाई थी। शुक्रवार को सेंसेक्स 36,525.85 के स्तर पर ट्रेंड कर रहा है, जबकि निफ्टी भी अपने निचले स्तर 10,777.85 अंक तक पहुंच गया है।
करेंसी डेरिवेटिव्स मार्केट में भी कारोबार में गिरावट जारी है। चीनी युआन में कमजोरी के बीच भारतीय घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली का दौर जारी है। भारतीय शेयर बाजार के सेंसेक्स में पिछले तीन महीने में 3786.22 अंक की गिरावट दर्ज हो चुकी है। निफ्टी भी 12 हजार के स्तर से फिसलकर 10,777 अंक पर पहुंच गया है। बता दें कि 5 अगस्त को रुपया डॉलर के मुकाबले 70.73 के स्तर तक पहुंचा था। इस महीने दो कारोबारी सप्ताह के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 132 पैसे की गिरावट दर्ज कर चुका है।
साल 2019 में पहली बार डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को रुपया 72 अंक तक पहुंच गया। चीनी मुद्रा युआन भी 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 15 पैसे नीचे 71.97 पर खुला। गुरुवार को रुपया 26 पैसे की गिरावट के साथ 71.81 पर बंद हुआ था। छह साल में पहली बार एक महीने में रुपया इतना टूटा है। अगस्त महीने में रुपया 4.60 फीसदी तक फिसल चुका है, तो वहीं साल 2019 में रुपये में अब तक 3.10 फीसदी की गिरावट दर्ज हो चुकी है।
कारोबारी जगत का कहना है कि अगले साल तक भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 74.50 के स्तर को पार कर जाएगा।एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और अमेरिकी के बीच ट्रेड वॉर बढ़ने की संभावना है। इस वजह से युआन में भारी गिरावट आई है। इसी महीने के पहले कारोबारी सत्र में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 113 पैसे लुढ़ककर 5 महीने के न्यूनतम स्तर 70.73 पर पहुंच गया था। रुपये में किसी एक दिन में छह साल में बड़ी गिरावट दर्ज हुई थी। दो दिनों से रुपया लगातार टूट रहा है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 71.80 और 72.50 की सीमा में कारोबार कर सकती है।