रांची। देश में रोजाना हजारों की संख्या में सर्वाधिक मौतें सड़क दुर्घटना से होती हैं। विशेषकर हेलमेट नहीं पहनने से मौत की संख्या और बढ़ जाती है। सड़क दुर्घटना में कमी लाने की दिशा में यूनिवर्सिटी पालिटेक्निक बीआइटी मेसरा के छात्र और फैकल्टी ने इस दिशा में एक अनूठी पहल की है। उनकी इस अनूठी पहल से जिन बाइक राइडरो को हेलमेट पहनना पसंद नहीं है, वह भी इसकी सुविधाओं को देखकर पहनने लगेंगे। छात्रों को कूलिंग हेलमेट को पहनने से लोगों को गर्मी और बेचैनी महसूस नहीं होगी। उनका हेलमेट उन्हें राहत देगा। इससे बाइक चलाने वाले लंबे वक्त तक हेलमेट पहन सकेंगे।
हेलमेट को कुछ इस ढंग से तैयार किया गया है कि उसका टेंपरेचर 18 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं जाएगा। बाहर का टेंपरेचर अगर 30 डिग्री सेल्सियस है तो हेलमेट का अंदरूनी टेंपरेचर 18 डिग्री सेल्सियस ही रहेगा। इस हेलमेट में एक सेंसर लगाया गया है जो बाहर के वातावरण का अध्ययन करेगा। टेंपरेचर अधिक होने पर हेलमेट में लगे माइक्रो फैन स्वत: चलने लगेंगे।
हेलमेट को इलेक्ट्रिक से चार्ज करना होगा। इसका वजन अधिक न हो, इसलिए इसमें सोलर पैनल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यही वजह है कि हेलमेट का वजन दो से ढाई किलोग्राम के बीच है। इसी का ख्याल रखते हुए हेलमेट में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल नहीं किया गया।
हेलमेट की दर किफायती रखी गई है। भविष्य में ये हेलमेट मार्केट में सिर्फ 700 रुपये में मिल जाएंगे। साथ ही सुरक्षा के मानकों का ध्यान रखते हुए आइएसआइ मार्का वाले हेलमेट का इस्तेमाल किया गया है।
यूनिवर्सिटी पालिटेक्निक ने इस प्रोजेक्ट को लेकर परिवहन विभाग से संपर्क साधा है और उन्हें प्रोजेक्ट का जायजा लेने के लिए आमंत्रित किया है। कोविड-19 के कारण इसकी रफ्तार धीमी पड़ गई थी।
संस्थान के प्रोफेसर मनोज कुमार ने बताया कि छात्रों का यह सफल प्रोजेक्ट है। इसको काफी सराहा गया है। परिवहन विभाग से इस सिलसिले में संपर्क साधा गया है। उनके पदाधिकारी इस प्रोजेक्ट का जायजा लेंगे। यह हेलमेट सामान्य से बिल्कुल ही अलग है, जिसे पहनने पर राहत और ठंडक महसूस होगा।
इस हेलमेट को बनाने में बीआइटी मेसरा के मैकनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. एसएस सोलंकी (निदेशक), प्रो. मनोज कुमार, प्रो. राकेश कुमार, और प्रो. पीआर महतो का अहम योगदान रहा है। इसके अलावा 2019 बैच के मैकनिकल इंजीनियरिंग विभाग के फाइनल इयर के विद्यार्थियों ने इस प्रोजेक्ट में काम किया है।