Prayagraj : माघी पूर्णिमा की पावन बेला की शुभ घड़ी का शुभारम्भ होते ही हर-हर गंगे, हर-हर महादेव के जयकारे के साथ आज यानी बुधवार को भोरे-भोर स्नान शुरू हो गया। कल्पवासी, साधु-संत समेत सभी श्रद्धालु ऐसे पावन अवसर पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे है। पतित पावनी मां गंगे, यमुना एवं अन्त:सलीला अदृश्य सरस्वती के पावन संगम के सभी घाटों पर ब्रह्म मुहूर्त से श्रद्धाल स्नान कर रहें है।
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ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस लिए इस पुण्य का लाभ अर्जित करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से उन्नति, पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा विश्वास है। माघ की पूर्णिमा के दिन अन्न, धन, तिल, गुड़ और घी का दान करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
प्रयागराज महाकुंभ में 144 साल के बाद आए ऐसी पावन अवसर पर संगम के सभी घाटों पर कल्पवासी, साधु संत एवं श्रद्धालु स्नान करने के बाद दान अन्न, धन,तिल, गुड़ आदि का दान कर रहें है।
सुरक्षा के मद्देनजर संगम के सभी घाटों पर जल पुलिस, NDRF, गोताखोर सहित सभी मुस्तैदी से स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं से घाट खाली करने के लिए लगतार अपील कर रहें है।
महाकुंभ DIG वैभव कृष्ण, SSP राजेश द्विवेदी, मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द, अपर मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी समेत सभी अधिकारी लगातार सुरक्षा को लेकर मेला क्षेत्र में की निगरानी में लगे हुए है। आईसीसीसी सेन्टर से हर पल की निगरानी की जा रही है।
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