हाइपोथाइरॉइडिज्म– हाइपोथाइरॉइडिज्म का मतलब है कि आपको थाइरॉयड से जुड़ी समस्या है. ये एक ऐसी कंडीशन है जिसमें शरीर पर्याप्त हार्मोन्स का उत्पादन नहीं करता है. ये हार्मोन आपके कई अंगों को प्रभावित करते हैं और भोजन को ऊर्जा में बदलने में मदद करते हैं. अगर सर्दियों में आपके पैर हमेशा ठंडे रहते हैं तो ये हाइपोथाइरॉइडिज्म हो सकता है.
रेनॉड की बीमारी– रेनॉड की बीमारी में शरीर ठंड के प्रति ओवररिएक्ट करता है. जब भी टेंपरेचर कम होगा, इंसान के हाथ-पैर बर्फ की तरह ठंडे और सुन्न पड़ जाएंगे. संभव है कि आपके हाथ पैरों का रंग भी बदल जाए. अगर हाथ पैरों का रंग पीला या नीला पड़ने के बाद धीरे-धीरे लाल पड़ने लगे तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है. रेनॉड की बीमारी उस वक्त होती है जब ठंड की वजह से हमारी धमनियां पतली हो जाती हैं.
डायबिटीज– डायबिटीज के रोगियों में हाई ब्लड शुगर की शिकायत बहुत सामान्य है. बार-बार पेशाब आना या इंफेक्शन इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं. यदि आपके घाव जल्दी नहीं भरते तो ये भी डायबिटीज का लक्षण हो सकता है. डॉक्टर्स कहते हैं कि ठंडे पैर भी डायबिटीज का वॉर्निंग साइन हो सकते हैं.
हाई कोलेस्ट्रोल– हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या शरीर में सर्कुलेशन की दिक्कत को बढ़ावा देती है जिसकी वजह से हमारे हाथ-पैर हमेशा ठंडे रहते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो ये रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रोल या इंफ्लेमेशन की समस्या हो सकती है. हाई कोलेस्ट्रोल स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी दिक्कतों की भी वजह बन सकता है.
स्ट्रेस– क्या आप जानते हैं स्ट्रेस लेने से भी हमारे शरीर का ब्लड फ्लो प्रभावित होता है. शरीर का खराब ब्लड फ्लो उंगलियों और अंगूठे के ठंडे पड़े रहने का कारण हो सकता है. इसलिए ज्यादा तनाव लेने की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है.