Jamshedpur : जमशेदपुर के 75 वर्षीय निरूप मोहंती ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वे देश के पहले सिविलियन बन गए हैं, जिन्हें फाइटर मिलिट्री जेट का लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि न केवल जमशेदपुर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
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निरूप मोहंती, जो टाटा स्टील कंपनी में एक वरीय पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे, ने अपनी सेवा के बाद राजनीति में भी कदम रखा था। हालांकि, उन्हें इस क्षेत्र में सफलता नहीं मिली। संगीत के प्रति भी उनका गहरा लगाव है, और वे गिटार बजाने का शौक रखते हैं।
निरूप की पायलट बनने की यात्रा उनके बचपन से शुरू हुई। उन्होंने बताया कि उनके पिता, जो टाटा स्टील में उच्च पद पर कार्यरत थे, जेआरडी टाटा से अक्सर मिलते थे। इसी दौरान निरूप ने जेआरडी टाटा के साथ एक फोटो खिंचवाई, जो उनके पायलट बनने के सपने को और प्रोत्साहित किया।
उन्होंने जमशेदपुर के फ्लाइंग क्लब में अपनी ट्रेनिंग शुरू की और 1976 में पहला लाइसेंस प्राप्त किया। निरूप ने 11 अलग-अलग विमानों का लाइसेंस हासिल किया, लेकिन उनका सपना फाइटर जेट उड़ाने का था। उनकी पत्नी, रूपा मोहंती, ने इस सपने को पूरा करने में उनका पूरा साथ दिया।
निरूप ने इंग्लैंड जाकर फाइटर जेट विमान प्रोवोस्ट की ट्रेनिंग ली और 2006 में उन्हें मिलिट्री जेट विमान का लाइसेंस मिला। इस उपलब्धि के बाद, एयर फोर्स से उन्हें पत्र मिला कि वे भारत के पहले सिविलियन हैं, जिन्हें यह लाइसेंस प्राप्त हुआ है।
निरूप मोहंती की कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की कहानी है, बल्कि यह प्रेरणा का स्रोत भी है, जो यह दर्शाता है कि जुनून और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनके कमरे में विभिन्न विमानों के छोटे प्रारूप उनकी पुरानी यादों को ताजा करते हैं, जो उनके लिए एक गर्व का पल है।