जोशीमठ। इस वर्ष बद्रीनाथ के कपाट खुलने से पहले ही होटल व यात्री निवासों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। ऐसे में बिना ऑनलाइन बुकिंग के पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को आवास के लिए संकट का सामना करना पड़ सकता है।
दरसअल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बद्रीनाथ मास्टर प्लान को धरातल पर उतारने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक रखी है। मास्टर प्लान के प्रथम फेज के निर्माण कार्यों के लिए पंडा पुरोहितों के आवासीय मकानों को भी खाली कराया जाना है। उनके अस्थाई आवास के लिए बीकेटीसी की कुछ धर्मशालाओं को अधिग्रहित किया गया है। बीकेटीसी, जीएमवीएन व नगर पंचायत के कुछ भवनों को पहले ही ध्वस्त किया किया जा चुका है।
बद्री केदार मंदिर समिति का जीओ भवन, जीएमवीएन का पर्यटक आवास गृह, व नगर पंचायत का कार्यालय व आवास भवन अब तक ध्वस्त हो चुके हैं। पंडा पुरोहितों के अस्थाई आवासों के लिए बद्री केदार मंदिर समिति का चांद कॉटेज, डालमिया व मोदी धर्मशाला तथा बस अड्डे पर 150 बिस्तरों का यात्री निवास भी अधिग्रहित कर लिया गया है।
देशभर के आम श्रद्धालुओं को सस्ते दरों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्मित यात्री निवास के पांच सौ बेड में से दो सौ आरक्षित किए गए हैं। ऐसे में बिना ऑनलाइन बुकिंग के पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की आवास व्यवस्था आखिर कैसे हो सकेगी? यह इस वर्ष के यात्राकाल का यक्ष प्रश्न है।