Khunti : पत्नी से अफेयर के शक में 26 साल के राहुल प्रधान का बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। राहुल प्रधान का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था। इस कांड को मशीह डहांगा, पांडेया मुंडा, एसी लादुरा उर्फ लदुरा पूर्ति और मदिराय मुंडा उर्फ मादी ने मिलकर अंजाम दिया था। मर्डर की सारी प्लानिंग बंदगांव के बमनोम निवासी मशीह डहांगा ने की थी। मुरहू के सिरका टोली निवासी पांडेया मुंडा, एसी लादुरा उर्फ लदुरा पूर्ति, और सायको के सैदवा डाउडीह निवासी मदिराय मुंडा उर्फ मादी ने उसका साथ दिया था। मशीह डहांगा को शक था कि उसकी पत्नी का डुमरदगा गांव के रहने वाले राहुल प्रधान के साथ चक्कर चल रहा है। इस बात को लेकर कई दफा दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ था। धीरे-धीरे यह झगड़ा काफी बढ़ गया था। इसके बाद मशीह डहांगा ने राहुल को अपने रास्ते से हटाने का खतरनाक इरादा बना लिया और तय प्लानिंग के अनुसार राहुल का काम तमाम कर दिया। इस बात का खुलासा आज खूंटी के DSP वरुण रजक ने किया।
DSP ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार सभी आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। संदेही गुनहगारों ने पुलिस को दिये अपने बयान में बताया कि तय प्लानिंग के अनुसार मशीह ने अपने दोस्त लादुराय से राहुल को फोन करा कर खूंटी शहर के बाजारटांड़ बुलाया। उसके बाद काम दिलाने की बात कहकर राहुल को खूंटी के मशहूर पर्यटन स्थल रानीफॉल के पुल के पास ले जाया गया। जहां पहुंचने पर पहले राहुल को जमकर धुना गया और बाद में गला काटकर उसकी हत्या कर दी गयी। राहुल की हत्या करने के बाद उसका कटा सिर जंगल में फेंक दिया गया, जबकि धड़ को रानीफॉल के नदी में फेंक कर अपराधी फरार हो गये।
यहां याद दिला दें कि बीते एक अक्टूबर को रानीफॉल के सारजोमइकिर के पास सिर कटी लाश बरामद की गयी थी। कोई साक्ष्य-सबूत नहीं, कोई पहचान नहीं, केस पूरी तरह से ब्लाइंड था। इस ब्लाइंड केस को खूंटी के पुलिस कप्तान अमन कुमार ने काफी गंभीरता से लिया था। इस कांड का खुलासा करने की जिम्मेदारी DSP वरुण रजक की देखरेख में गठित टीम को दी गयी। जांच के दरम्यान सीडीआर, टेक्निकल सेल और मुखबिरों की मदद के बाद मृतक की पहचान की गयी और आरोपियों का सुराग मिला। इसके बाद पुलिस ने एक संदेही गुनहगार को कस्टडी में ले लिया। प्रारंभिक पूछताछ में ही संदेही ने हत्याकांड की प्लानिंग पुलिस को बता दी। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही मृतक का साइकिल, मोबाइल और घटना में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया।
इस ब्लाइंड केस को सुलझाने में खूंटी DSP वरुण रजक, इंस्पेक्टर किशुन दास, सायको थानेदार मुकेश कुमार हेंब्रम और बीरेंद्र कुमार की सराहनीय भूमिका रही।
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