भारत। पिछले काफी समय से देश के लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और समय के साथ परेशानियां कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है।
इन परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए सरकार के साथ साथ आम जन भी अथक प्रयास कर रहे है।
सभी चाहते है कि देश सदैव समृद्ध, सुरक्षित और स्वस्थ रहे और एक बार फिर से विश्व गुरु का दर्जा हासिल कर सके।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए कृष्णागिरी पीठाधिपति राष्ट्रसंत श्री वसंत विजय जी महाराज के पावन सान्निध्य में श्री विश्व शांति एवं महालक्ष्मी कुबेर अर्थ धर्म समृद्धि कलश अनुष्ठान का आयोजन 14 जुलाई से 23 जुलाई को किया जा रहा है।
चेन्नई से 265 किलोमीटर एवं बैंगलोर से 90 किलोमीटर दूरी पर स्थित माँ पद्मावती की दिव्य कृपा एवं ऊर्जा से ओत-प्रोत “श्री पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थ धाम” पर 40,000 वर्गफुट के विशाल यज्ञमंडप में 108 प्रकाण्ड पण्डित द्वारा इस महाअनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा।
40 हजार वर्गफुट वाली ये यज्ञशाला तैयार हो चुकी है। इस अनुष्ठान से देश के वातावरण में फैली अशुद्धियाँ समाप्त होंगी और भारतवासी शांति से अपना जीवन-यापन कर सकेंगे।
होंगी 10 लाख हवन आहुतियां
अति विशाल माँ महालक्ष्मी जी की प्रतिमा के समक्ष पीतल के पान व नारियल युक्त पीतल के बने 6 लीटर के 5000 कुम्भ अभिमंत्रित किए जाएंगे। घर को स्वर्ग बनाने वाले इन दिव्य कलशों को महालक्ष्मी कुबेर मंत्रो से 1 करोड़ कुमकुम पूजन, 10 लाख़ हवन आहुतियों और 25 लाख धन्वंतरि कुबेर जाप के साथ सिद्ध किया जाएगा। इन दिव्य कलशों में 170 दुर्लभ औषधियां, विभिन्न इत्र, नवरत्न, 32 प्रकार के उपरत्न, 32 प्रकार के हीलिंग जेमस्टोन्स और भारत के 106 वैष्णव दिव्य क्षेत्र, जहां भगवान श्री नारायण और माँ लक्ष्मी प्रत्यक्ष विराजमान हैं, ऐसे तीर्थों में लक्ष्मी माँ के चरणों में पूजित/अभिमंत्रित अति विशिष्ट कुंकुम को सभी कलशों में भरा जाएगा। इस यज्ञ में देशभर के अलग अलग प्रतिष्ठित मंदिरों जहाँ 106 दिव्य देशम वैष्णव क्षेत्र है वहां से कुमकुम लाया जा रहा है, जैसे बद्रीनाथ, रघुनाथ, जोशीमठ , अयोध्या, मथुरा , तिरुपति लक्ष्मी मंदिर आदि जैसे पवित्र स्थानों से कुमकुम लाया जा रहा है ।
आप भी दें सकते हैं योगदान
जनभागीदारी से आयोजत किए जा रहे इस महायज्ञ में लगभग 10 हजार किलो सफेद चन्दन, लाल चन्दन, पीला चन्दन, 50 किलो से अधिक केसर, देवदारु, अगर, तगर, आम्र की लकड़ियाँ, 10 हजार किलो विभिन्न औषधियां और 2 हजार किलो गाय का शुद्ध देसी घी डाला जाएगा। देश कल्याण के इस महाविधान में महालक्ष्मी माँ की कृपा, पूज्य गुरुदेव श्री का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त करने व अपने सौभाग्य को अतिशीघ्र जगाने के लिए आप भी अपनी शक्ति व सामर्थ्य अनुसार हवन सामग्री जैसे की चन्दन की लकड़ियाँ, गाय का घी, केसर, मेवे इत्यादि भेंट कर श्रद्धा समर्पित कर सकता है।
दिव्य कलश प्राप्त करें
कलश प्राप्ति हेतु ‘पहले आएं, पहले पाएं’ के आधार पर निःस्वार्थ भाव से लागत के मूल्य में यह कुम्भ सिर्फ प्रथम आने वाले 5000 शाकाहारी परिवार को ही दिया जाएगा। पूज्य गुरुदेव श्री, माता महालक्ष्मी जी तथा अनेकों देवताओं के आशीर्वाद से अलौकिक ऊर्जामय यह कलश आपके घर को स्वर्ग बना देगा। इस दुर्लभ, अति दुर्लभ महाअवसर का लाभ तुरंत प्राप्त करने हेतु निम्न संपर्क सूत्र पर संपर्क करें: +91 8877988779, 8770128437