झाबुआ। जिले में निजी स्कूलों द्वारा लंबे समय से अपनाए जा रहे मनमानी पूर्ण एवं शोषणकारी रवैये के चलते जिला कलेक्टर ने निजी स्कूलों हेतु नये दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिसमें इन स्कूलों के संचालकों के लिए जवाबदेही तय की गई है। जिला कलेक्टर द्वारा जारी किए गए नये निर्देशों के तहत अब स्कूलों के संचालकों द्वारा संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों को किसी विशेष दुकान से पुस्तकें या यूनिफॉर्म खरीदने हेतु बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। उसके अनुसार माध्यमिक शिक्षा मण्डल या सीबीएसई द्वारा मान्यता प्राप्त जिले की समस्त अशासकीय शैक्षणिक संस्थाऐं अपने विद्यालय में छात्र/छात्राओं के लिए उपयोग में आने वाली पुस्तकें प्रकाशक का नाम सहित तथा प्रत्येक कक्षा में ली जाने वाली विद्यालय शुल्क की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करेंगे। संस्था प्रमुख किसी भी विद्यार्थी/अभिभावक को पुस्तकें एवं शाला गणवेश किसी भी विशेष दुकान से क्रय करने हेतु बाध्य नहीं करेगें। विद्यालयों के संचालकों द्वारा पुस्तके एवं शाला गणवेश उपलब्ध कराने वाली कम से कम 5-5 दुकानों के नाम विद्यालय के सूचना पटल पर स्पष्ट रूप से अंकित किये जायेंगे।
इसके साथ ही जिले के सभी पुस्तक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी अभिभावक को इस बात के लिये बाध्य नहीं करेगें, कि पुस्तक का पूरा सेट ही लेना पड़ेगा1 जिस अभिभावक को जितनी पुस्तक/कॉपी चाहिए उसे उतनी ही दी जाएंगी। पुस्तक के साथ कॉपी, पेन, कवर, आदि लेने के लिये बाध्य नहीं करेगें।
कलेक्टर द्वारा चेतावनी दी गई है कि उक्त दिशा निर्देशों की अवहेलना करने पर या इनके पालन में कोताही बरतने संबंधी कोई भी शिकायत यदि किसी स्कूल संचालक या दुकानदार के संबंध में प्राप्त हुई तो संबंधित पुस्तक विक्रेता अथवा विद्यालय के संस्था प्रमुख के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।