नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा अगले कुछ दिनों में इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2021 (Electricity Amendment Bill 2021) को कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जा सकता है. नए संशोधित कानून के मुताबिक उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन ठीक उसी तरह बदल पाएंगे, जिस तरह से वे मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट कराते हैं. माना जा रहा है कि इसके बाद बिजली कंपनियों के बीच कंपटीशन बढ़ जाएगा जिसका सीधा फायदा उपभोक्ता को होगा.
सरकार इस विधेयक को संसद के मानसून सत्र में लाना चाहती है. संसद के मानसून सत्र में जिन नए 17 विधेयकों को पेश होना है, उनमें इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल भी शामिल है. अगर ऐसा हुआ तो ये पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में एक बड़ा रिफॉर्म होगा, जो उपभोक्ताओं को एक बड़ी ताकत देगा. जनवरी में Electricity Amendment Bill 2021 का एक प्रस्ताव तैयार किया गया था.
12 जुलाई, 2021 को जारी लोक सभा के बुलेटिन के अनुसार नए संशोधित बिजली कानून के लागू होने से वितरण कारोबार से लाइसेंसिंग समाप्त होगी और इसमें प्रतिस्पर्धा आएगी. इसके अलावा इस कानून के तहत बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण (एप्टेल) को मजबूत करने और नवीकरणीय खरीद प्रतिबद्धता (RPO) को पूरा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान भी होगा.
इसका सीधा फायदा बिजली उपभोक्ताओं को होगा, क्योंकि उनके पास चुनने के लिए कई सर्विस प्रोवाइडर्स होंगे. मौजूदा वक्त में कुछ सरकारी और प्राइवेट कंपनियों का ही बिजली वितरण के क्षेत्र में दबदबा है. इसलिए उपभोक्ताओं पर ऑप्शन की कमी है. यानी इस बदलाव के बाद आपको एक कंपनी से बिजली लेने के लिए मजबूर नहीं होना होगा बल्कि जो आपको बेहत सर्विस दे उस कंपनी से आप बिजली खरीदें.
इस बिल में उपभोक्ताओं को ज्यादा ताकतवर बनाया गया है, अगर कोई कंपनी बिना बताए बिजली काटती है तो उसे उपभोक्ताओं को हर्जाना देना होगा. बिजली कंपनी को बिजली काटने से पहले उपभोक्ता को इसकी जानकारी देनी होगी. निश्चित समयसीमा से ज्यादा बिजली कटौती हुई तो भी हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है.