नई दिल्ली। केन्द्रीय प्रेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि देश को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में ऊर्जा का क्षेत्र बड़ी भूमिका निभाएगा, इसलिए इस क्षेत्र को तेजी से बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को बढ़ावा देकर भारत ने वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व किया है और अक्षय ऊर्जा पर जोर देकर वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व भी कर रहा है। इस 2022 तक रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को 175 जीडब्ल्यू से बढ़ाकर 450 जीडब्ल्यू तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना है।
वे शनिवार को 10वें विश्व पेट्रो कांग्रेस 2020 के समारोह में बोल रहे थे। विश्व पेट्रो कांग्रेस को संबोधित करते हुए धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि वर्ष 2024 तक भारत का तेल और पेट्रोल क्षेत्र 100 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। यह देश की ऊर्जा की तस्वीर को बदल कर रख देगा। इसी तरह लगभग 60 बिलियन डॉलर निवेश गैस इंफ्रास्ट्रक्चर में होने जा रहा है जिसमें पाइलाइन, सीजीडी, एलएनजी, टर्मिनल स्थापित व विकसित किया जाना शामिल हैं। मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक ग्रिड और एक देश की संकल्पना पर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि गैस आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने में भारत ने पहल की है। आने वाले सालों में कोयला और प्रेट्रोलियम की खपत कम होगी इसलिए गैस उत्पादन ही एक ऐसा क्षेत्र है जहां अपार संभावनाएं है। आने वाले वर्षों में देश के 400 जिलों में रहने वाले 70 फीसदी लोगों प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करने लगेंगे।सिन गैस, मीथेन गैस, बायो गैस, एलएनजी इन सभी गैस के उत्पादन को बढ़ाने के साथ बाजार की संभावनाओं और जरूरतों को भी तलाशा जाना चाहिए। इस क्षेत्र में अभी आपार संभावनाएं है। इसलिए इस क्षेत्र में काम करी कंपनियों को आगे बढ़कर नए तकनीक का प्रयोग कर काम करना चाहिए।