महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना और ऐक्ट्रेस कंगना रनौत के बीच जारी घमासान ने सियासी रंग ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कंगना रनौत के दफ्तर को तोड़े जाने को लेकर उद्धव ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। फडणवीस ने कहा है कि दाऊद इब्राहिम का घर नहीं तोड़ा जाता, जबकि कंगना का घर तोड़ दिया जा रहा है।
फडणवीस ने उद्धव सरकार और शिवसेना पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कंगना रनौत के मामले को आपने (शिवसेना) ने हद से ज्यादा तूल दिया है। वह कोई नेता नहीं है। आप दाऊद का घर तो तोड़ने गए नहीं लेकिन आपने उसका बंगला तोड़ दिया।’ इससे कुछ दिन पहले फडणवीस ने बीएमसी की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हिंदी में एक ट्वीट में किया था, कि यह एक तरह से राज्य में ‘सरकार द्वारा प्रायोजित आतंक’ है।
इस विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। आठवले ने कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए राज्यपाल से मुआवजे की मांग की। इससे पहले गुरुवार को रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के चीफ रामदास आठवले ने कंगना से उनके आवास पर करीब 1 घंटे तक मुलाकात की थी। आठवले ने कंगना को सुरक्षा का वादा करते हुए कहा था कि अगर वह राजनीति में आना चाहती हैं तो बीजेपी और RPI उनका स्वागत करेगी।
तबाह दफ्तर का हाल देखने पहुंचीं कंगना रनौत
कंगना ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक महिला होने के नाते क्या उन्हें तकलीफ नहीं होती कि कंगना के साथ महाराष्ट्र सरकार ऐसा सुलूक कर रही है? कंगना ने सवाल किया, क्या आप अपनी पार्टी से नहीं कह सकतीं कि वह संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखें जो हमें डॉक्टर आम्बेडकर ने दिए थे।
कंगना रनौत और शिवसेना विवाद के बीच अब एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटील कूद गए हैं। उन्होंने कहा है कि कंगना पब्लिसिटी स्टंट के लिए यह सब कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कंगना ने महाराष्ट्र और मुंबई के लिए अपशब्दों का प्रयोग करके मुंबई का अपमान किया है। एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि सुरक्षित शहर की पुलिस बल की तुलना पाकिस्तान के साथ करना बेहद निंदनीय है। पुलिस के बारे में अपमानजनक बातें कहने का मतलब सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट है