नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने पाकिस्तान में गुरु नानकदेव के पवित्र जन्म स्थान श्री ननकाना साहिब पर इस्लामिक जिहादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों पर इस तरह के लगातार हमले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को सही ठहराते हैं।
विहिप के राष्ट्रीय महासचिव मिलिंद परांडे ने शनिवार को भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से इस मुद्दे को मजबूती से वैश्विक पटल पर उठाने और पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि केवल स्वार्थी राजनीति के लिए सीएए का विरोध करने वाले देश में हिंसा भड़का रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, कांग्रेस व अन्य सैक्यूलरवादी गैंग ननकाना साहिब की घटना के बाद भी सीएए के विरोध की गन्दी राजनीति करते रहेंगे या हिन्दू सिख व ननकाना साहिब गुरुद्वारे के साथ भी खड़े होंगे।
विहिप नेता ने राजनीतिक दलों को चेतनावनी देते हुए कहा कि स्वार्थी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले राजनेता और राजनीतिक दलों को सचेत हो जाना चाहिए। ऐसे नेताओं को अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की कोई चिंता नहीं है जबकि पाकिस्तान में उनके परिवार और संपत्ति सुरक्षित नहीं हैं।
परांडे ने कहा कि हमलावरों द्वारा गुरुद्वारा ननकाना साहिब को हटाने और शहर का नाम बदलकर गुलाम-ए-मुस्तफा रखने की मांग करना इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान में हिन्दू सिख अल्पसंख्यकों की धार्मिक संवेदनशीलता का कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए और विहिप भी मांग करती है कि पाकिस्तान अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा करे और उन्हें अत्याचारों से बचाये।