पटना। भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया के विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर परिसर की सुरक्षा सर्वोपरि है। इससे समझौता नहीं किया जा सकता। पटना पुलिस विशेष शाखा ने मंदिर परिसर में मानक के अनुसार उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने को लेकर गया के डीएम और एसएसपी को पत्र लिखकर सतर्क किया है। साथ ही संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित इसमें 17 प्वाइंटों पर सुधार करने को कहा गया है। गया के जिलाधिकारी ही बोधगया प्रबंध कार्यकारिणी समिति (बीटीएमसी) के पदेन अध्यक्ष होते हैं।
बुधवार को पत्र के माध्यम पटना पुलिस की विशेष शाखा ने डीएम और एसएसपी को मंदिर परिसर का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही मंदिर में आने वाले लोगों की बिना भेदभाव के सभी की जांच करने, हर स्तर पर सुरक्षा की जिम्मेदारी अवर निरीक्षक स्तर के पदाधिकारी को देेेेने, अनिवार्य रूप से हैंड मेटल डिटेक्टर से जांच करने, कैमरा, बैग सहित अन्य की समुचित जांच के लिए बैगेज स्क्रीनिंग मशीन का इस्तेमाल करने के निर्देश दिये हैंं। किया जाए। इसके अलावा समय-समय पर अग्निशमन यंत्र की भी जांच करने, सतर्कता के लिए सायरन लगवाने और बीटीएमसी के निकट बैठने वाले भिखारियों और नकली भिक्षुओं पर भी कार्रवाई करने को कहा है।
विशेष शाखा ने बीटीएमसी पुलिस बैरक को मंदिर परिसर से बाहर करने और मंदिर परिसर में वाहन के प्रवेश का प्रतिबंधित करने को कहा है। इसके अलावा मंदिर के आसपास के आवासों की भी जांच करवाने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि महाबोधि मंदिर परिसर में संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। साथ ही कैमरे ऐसे एंगल से लगे कि मंदिर के अंदर और बाहर के सभी हिस्से पूरी तरह से कवर हो जाएं और इन सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की लगातार मॉनिटरिंग की जाए।
22 नवम्बर को हुई थी बोधगया मंदिर एडवाइजरी बोर्ड की बैठक
महाबोधि मंदिर परिसर की सुरक्षा और उससे जुड़े स्थलों के विकास सहित अन्य मुद्दों पर सलाह देने की लिए 22 नवम्बर 2019 को बोधगया मंदिर एडवाइजरी बोर्ड की बैठक हुई थी। इसमें कई देशों के बौद्ध धर्म के अनुयायी और प्रतिनिधि शामिल हुए थे। बीटीएमसी सभागार में हुई बैठक में बीटीएमसी एक्ट 1949 में संशोधन समेत कई अहम फैसले लिये गये थे। थाईलैंड के राजदूत की प्रतिनिधि मिस स्विया शांतिपिटक्स ने बिना बॉडी टच किये फ्रिस्किंग यानी तलाशी का सुझाव रखा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया था। पुलिस के प्रतिनिधि ने कहा था कि मंदिर परिसर की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए फ्रिस्किंग जरूरी है। इसके अलावा बैठक में बीटीएमसी को संबंधित बौद्ध मठों के साथ बातचीत कर भिक्षुओं को अलग-अलग रंगों का पास जारी करने का सुझाव दिया गया था।