नई दिल्ली। दिल्ली जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कैंपस में रविवार शाम को लेफ्ट स्टूडेंट्स यूनियन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच हुई जमकर हिंसा का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीती रात हुई झड़प में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लाठी से हमला करने के अलावा पथराव भी किया। इस दौरान दोनों ओर से कई छात्र-छात्राएं घायल हुए। घायल छात्रों को एम्स में भर्ती कराया गया जिन्हें इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। छात्रों का आरोप है कि उन्होंने पुलिस को कई बार फोन किया, लेकिन पुलिस की ओर से उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
छात्रों को आई गंभीर चोट
पुलिस के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने एम्बुलेंस से सभी घायल छात्रों को एम्स में भर्ती कराया। घटना के संबंध में डॉ. हरजीत सिंह भट्टी ने बताया कि जेएनयू हिंसा में घायल हुए लोगों को काफी गंभीर चोटे आईं थी। उन्होंने बताया कि कई लोगों पर धारदार हथियार से हमला किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि नकाबपोश बदमाशों ने एम्बुलेंस और डॉक्टरों पर भी हमला किया और उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया। एम्स ट्रॉमा सेंटर प्रमुख डॉ. राजेश मल्होत्रा ने बताया कि कल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुए सभी 34 जेएनयू छात्रों को छुट्टी दे दी गई है।
क्राइम ब्रांच कर रही है मामले की जांच
दिल्ली पुलिस के एडिशनल प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि जेएनयू हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। दक्षिण-पश्चिम जिले के डीसीपी देवेंद्र आर्य ने बताया कि पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि सोशल मीडिया और सीसीटीवी फुटेज को जांच में शामिल किया जाएगा। फिलहाल क्राइम ब्रांच की टीम जेएनयू में जाकर पूछताछ कर रही है। जेएनयू ने कैंपस में हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय के पास भेजी गई है। ज्वाइंट सीपी शालिनी सिंह की अगुवाई में दिल्ली पुलिस जांच करेगी। जांच टीम में 2 एसीपी और 4 इंस्पेक्टर होंगे।
यह कहा अमित शाह ने
जेएनयू मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली उपराज्यपाल से बात की और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम को हुई हिंसा को लेकर आदेश दिया कि वह विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों से मुलाकात करें। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने जेएनयू के उप-कुलपति और रजिस्ट्रार से बात की और विश्वविद्यालय परिसर में मौजूदा हालात का जायजा लिया। इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात की और उन्हें आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने एक संयुक्त सीपी स्तर के अधिकारी से जांच करने का आदेश दिया और जल्द से जल्द एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपने के लिए कहा।
साबरमती हॉस्टल के वरिष्ठ वार्डन का इस्तीफा
जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति एम जगदीश कुमार ने सोमवार को विश्वविद्यालय के सभी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया किसी भी हाल में नहीं रुकेगी। जेएनयू के साबरमती हॉस्टल के वरिष्ठ वार्डन आर मीणा ने छात्रावास में रविवार को हुए हमले के बाद इस्तीफा दे दिया है।
एमएचआरडी ने जेएनयू प्रशासन को किया तलब
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस मामले में जेएनयू प्रशासन को तलब किया है। जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने कहा कि जेएनयू एडमिन छात्रों की सुरक्षा के लिए सभी संभव साधनों का इस्तेमाल करेगा। हम सभी को छात्रों के हितों की रक्षा के लिए एक साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जेएनयू के सभी छात्रों से अपील है कि वे शांति बनाए रखें। विश्वविद्यालय सभी छात्रों को अकादमिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका शीतकालीन सत्र पंजीकरण बिना किसी बाधा के संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने शीतकालीन सेमेस्टर पंजीकरण को बाधित करने के लिए इंटरनेट सर्वरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने हजारों छात्रों को अपना शीतकालीन पंजीकरण करने से रोका। उनका इरादा स्पष्ट रूप से विश्वविद्यालय के कामकाज को बाधित करना है। यह केवल गुंडागर्दी है और जेएनयू के लोकाचार के खिलाफ है। ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।
हिंसा को लेकर अरविंद केजरीवाल ने की बैठक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेएनयू हिंसा को लेकर बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में आप के दिग्गज नेताओं सहित दिल्ली के कई मंत्री मौजूद हैं। पूरे घटनाक्रम में जेएनयू के वाइस चांसलर बोले कि हिंसा में छात्रों के घायल होने से जेएनयू प्रशासन दुखी है। जेएनयू प्रशासन यूनिवर्सिटी में हिंसा कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
लेफ्ट और एबीवीपी के एक दूसरे पर आरोप
एबीवीपी के जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि इस घटना में उनके संगठन से जुड़े कई छात्र घायल हुए है, जिन्हें एम्स ट्रामा सेंटर और सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला और पुरुष सुरक्षा कर्मियों के साथ भी लेफ्ट के छात्रों ने मारपीट की है। दूसरी तरफ वामपंथी छात्र संगठनों ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी ने कैंपस में तोड़फोड़ की है और उनके छात्रावास में घुसकर छात्रों को पीटा है। लेफ्ट ने सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट से इंकार किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एबीवीपी के छात्रों ने उनके साथ मारपीट की है।