प्रयागराज। माघ मेला के तृतीय स्नान मौनी अमावस्या पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम और गंगा मैया में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।
शुक्रवार की भोर में ही संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। गांव, देहात, शहर, कस्बा से आने वाले इस हुजूम के दिलो-दिमाग में जैसे संगम में डुबकी लगाने का जुनून सवार था। श्रद्धालुओं के सिर पर गृहस्थी की गठरी और जुबां पर मां गंगा का जयकारा रोम-रोम में गूंज रहा था। आस्था के आगे शीतलहर का कहीं कोई वजूद नहीं दिख रहा था।
हनुमानजी के दर्शन को लगी कतार :
संगम स्नान के बाद श्रद्धालु बंधवा के लेटे हनुमानजी का दर्शन करने पहुंचे, जिससे मंदिर में लंबी कतार लग गई। हनुमानजी को लड्डू, तुलसी दल और फल-फूल चढ़ाया गया। लोगों ने अपनी जरूरतों के मुताबिक प्रार्थना की। करीब ढाई हजार बीघे में बसे तम्बुओं की नगरी में श्रद्धालुओं एवं कल्पवासियों का जनसैलाब देखने को मिला। प्रशासन ने बीस घाटों का निर्माण कराया है, जो करीब 10 किलोमीटर में फैला है। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने पूरी व्यवस्था कर रखी है। प्रमुख मार्गों पर पुलिस की तैनाती है। मेला क्षेत्र में 13 थाने और 38 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं।
अमावस्या पर सिविल डिफेंस की भूमिका सराहनीय :
मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर उत्तर प्रदेश सिविल डिफेंस के वार्डेन घाटों पर तैनात रहकर श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं। श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों की मदद के साथ ही वार्डेनों ने जिला एवं पुलिस प्रशासन का भी सहयोग किया। संगम तट से लेकर समूचे मेला क्षेत्र और स्टेशन पर भी सिविल डिफेंस के वार्डेन तैनात हैं।
इस स्नान पर्व पर मेला प्रशासन ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा और यातायात के पुख्ता प्रबंध किए हैं। माघ मेले में आने-जाने का मार्ग अलग है। पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर सभी प्रकार के वाहनों को रोक दिया है। भारी मॉल वाहकों का नगर क्षेत्र की सीमा में प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मण्डलायुक्त प्रयागराज डॉ. आशीष कुमार गोयल एवं एडीजी जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश ने बताया कि मौनी अमावस्या पर करीब एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आस्था के संगम में डुबकी लगाने की उम्मीद है। मेले में शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत आरएएफ एवं पीएसी तथा नागरिक सुरक्षा के जवानों द्वारा सतत् निगरानी रखी जा रही है। पुलिस कर्मियों को स्नानार्थियों के साथ अच्छा व्यवहार करने के सख्त निर्देश हैं।
उन्होंने बताया कि 24 जनवरी को अक्षयवट, सरस्वतीकूप एवं पातालपुरी के दर्शन सुलभ नहीं हो सकेंगे। इसके लिए श्रद्धालुओं को अवगत कराने हेतु नियमानुसार ड्यूटी लगाई गई है।