जयपुर। कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर राजस्थान सतर्क है और विशेषज्ञ शिशु रोग चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए की प्रदेश के सभी शिशु चिकित्सालयों में नियानेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (नीकू) व पीडियेट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) के बैड्स् की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी कर चिकित्सा सुविधाओं को और बेहतर किया जा रहा है।
राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने प्रदेश के 15 मेडिकल कॉलेजों से संबंधित शिशु चिकित्सालयों में जहां मार्च 2020 तक नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट के बैड्स की संख्या 475 थी, उसे बढ़ाकर 604 किया जा चुका है। इस संख्या को और अधिक बढ़ाते हुए 766 नए बैड्स भी लगाए जा रहे हैं, जबकि 120 बैड्स लगाने की प्रक्रिया प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित बैड्स की उपलब्धता के बाद इन चिकित्सालयों में नीकू के बैड्स की संख्या 1490 हो जाएगी।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में नीकू के बैड्स की संख्या 212 से बढ़ाकर 237 कर दी गई है, जबकि 240 नए बैड्स लगाने की प्रक्रिया जारी है। वहीं अजमेर मेडिकल कॉलेज में नीकू के बैड्स की संख्या 45 से बढ़ाकर 63 की गई है और 60 नए बैड्स लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जोधपुर मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में नीकू के 30 बैड उपलब्ध है व 90 नए बैड्स को लेकर कार्य जारी है। बीकानेर मेडिकल कॉलेज में नीकू के बैड्स की संख्या मार्च 2020 में 8 थी जबकि वर्तमान में इन बैड्स की संख्या 33 हो गई है और 10 नए बैड्स लगाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में 50 बैड्स लगाना भी यहां प्रस्तावित है। उदयपुर मेडिकल कॉलेज में नीकू के बैड्स की संख्या 130 से बढ़ाकर 150 की गई है जबकि 50 नए बैड्स लगाना यहां प्रस्तावित है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोटा मेडिकल कॉलेज में नीकू के बैड्स की संख्या 42 से बढ़ाकर 52 कर दी गई है, जबकि 180 नए बैड्स लगाने की कार्रवाई जारी है। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में नियानेटल इंटेंसिव केयर यूनिट के बैड्स की संख्या 5 से बढ़ाकर 10 कर दी गई, जबकि 20 नवीन बैड्स लगाने का कार्य जारी है और 20 बैड्स लगाना यहां प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि बाड़मेर में 30 नीकू बैड्स लगाए जा रहे हैं, जबकि भरतपुर मेडिकल कॉलेज में नीकू के 20 बैड है और नए 20 बैड लगाने की प्रक्रिया जारी है। वहीं भीलवाड़ा के मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में नीकू के 6 बैड है और इन्हें बढ़ाकर 20 किया जा रहा है। जबकि चूरु में 20 व डूंगरपुर में 30 नीकू बैड तैयार किए जा रहे है। वहीं पाली में नीकू के 3 बैड है और 24 नए बैड्स की उपलब्धता के लिए प्रक्रिया जारी है। जबकि सीकर में 22 नए बैड्स लगाने का कार्य किया जा रहा है।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट के बैड्स के साथ पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट के बैड्स की संख्या में भी बढ़ोतरी की जा रही है। जहां मार्च 2020 में पीकू के बैड्स की उपलब्धता प्रदेश के शिशु चिकित्सालयों में 174 थी उसे बढ़ाकर 292 किया जा चुका है, जबकि 282 नए बैड्स लगाने का कार्य जारी है और 535 और बैड्स लगाना यहां प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि इन सभी बैड्स की उपलब्धता के बाद प्रदेश में पीकू के बैड्स की संख्या 1109 हो जाएगी।
चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर में पीकू के बैड्स की संख्या 67 से बढ़ाकर 97 की गई है, वहीं 120 नए पीकू के बैड्स लगाना यहां प्रस्तावित है। जयपुर के आरयूएचएस में पीकू के 9 बैड्स है। अजमेर मेडिकल कॉलेज में पीकू के 14 बैड है व 100 बैड्स लगाना यहां प्रस्तावित है। जोधपुर मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में पीकू के 25 बैड है व 115 नए बैड्स लगाना यहां प्रस्तावित है। बीकानेर मेडिकल कॉलेज में पीकू के बैड्स की संख्या 8 से बढ़ाकर 45 कर दी गई है व 100 नए बैड्स लगाना यहां भी प्रस्तावित है। उदयपुर में पीकू के 20 बैड्स उपलब्ध है व जल्द ही 100 और बैड्स लगाए जाएंगे। कोटा मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 21 बैड है व 138 नए बैड्स लगाए जा रहे हैं।
गालरिया ने बताया कि झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में पीकू बैड्स की संख्या 5 से बढ़ाकर 29 कर दी गई है व 30 नए बैड्स जल्द ही यहां तैयार हो जाएंगे। बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में 10 पीकू बैड्स तैयार किए जा रहे हैं। भरतपुर मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में 12 पीकू बैड्स है व 22 नए बैड्स तैयार किए जा रहे है, जबकि भीलवाड़ा में वर्तमान में 10 पीकू बैड व 10 नए बैड तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चूरु में 20 व डूंगरपुर में 30 पीकू बैड लगाए जा रहे हैं। वहीं पाली में 10 पीकू के बैड्स उपलब्ध है व 12 नए बैड्स तैयार किए जा रहे है, जबकि सीकर में 10 नए पीकू के बैड लगाए जा रहे हैं।