नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए बन रहे भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए संसद में शनिवार को पेश बजट में 2,487 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कार्यात्मक परिवहन योजना एनसीआर-2032 के तहत एनसीआर के विभिन्न शहरों को हाई-स्पीड रेल के साथ जोड़ने के लिए चिन्हित 8 आरआरटीएस कॉरिडोर में से तीन को पहले चरण में लागू किया जा रहा है। इसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली- पानीपत शामिल हैं।
82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के दुहाई से साहिबाबाद के बीच के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिक खंड पर सिविल निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।
180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ, आरआरटीएस ट्रेनें भारत में अपने प्रकार की पहली प्रणाली होगी। आरआरटीएस ट्रेनें एयरोडायनामिक होंगी और 25केवी एसी सिस्टम के साथ विद्युत कर्षण पर स्व-चालित होंगे।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर क्षेत्र में प्रदूषण को रोकने मे बेहद फायदेमंद होगा। यह हाई-स्पीड रेल 60 मिनट से भी कम समय में मेरठ से नई दिल्ली के बीच का सफर तय करेगी।
एनसीआरटीसी भारत सरकार (50प्रतिशत) और चार राज्य सरकारों हरियाणा (12.5 प्रतिशत), दिल्ली (12.5 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (12.5प्रतिशत) और राजस्थान (12.5प्रतिशत) का संयुक्त उपक्रम है।